मच्छरों की तरह डंक मारते हैं सदर अस्पताल के कर्मचारी और डॉक्टर
आरा,29 फरवरी. क्या कभी आपने आदमी को डंक मारते देखा है. कानो पर यकीन नही आ रहा या फिर हँसी आ रही है..? आप यही सोच रहे होंगे कि डंक तो मच्छर,मधुमक्खी या बिच्छू जैसे जीव ही मारते है. लेकिन ऐसा नही है उनके अलावां आजकल मनुष्यो में भी यह प्रवृत्ति विकसित हुई है. अगर आपको इस बात की सच्चाई जाननी है तो चले आइये आरा के सदर अस्पताल में, जहाँ ISO मार्का वाले कर्मचारी और डॉक्टर आपको डंक मारते हुए मिल जाएंगे.
कहने को तो सदर अस्पताल की व्यवस्था पहले से संतोषजनक है परन्तु वहां के मरीजों का मानना है कि यहां के डॉक्टर और नर्सों का वर्ताव असंतोषजनक है और साथ ही साथ यहां के आईसीयू वार्ड में मच्छरों का प्रकोप बना रहता है. यहां की व्यवस्था काफी लचर है.
इलाजरत यशोदा देवी
आईसीयू वार्ड में भर्ती यशोधा कुमारी का कहना है कि यहां के डॉक्टर और नर्सों का वर्ताव ऐसा है कि कुछ बोलने या पूछने पर सीधे बोलती है कि ज्यादा बोलोगी तो इसी हालत में यहां से निकाल देंग. यहां के डॉक्टर समय पर देखने नहीं आते. कुछ पूछने पर सही से जवाब नहीं देते. यशोधा कुमारी बार-बार यही सवाल उठा रही है कि क्या मरीजों को अपने स्वाभिमान के साथ इलाज करवाने का अधिकार नहीं है ? आईसीयू वार्ड में भर्ती दूसरे मरीजों का कहना है कि यहां जो नाश्ता मिलता है वह सही नहीं मिलता. यहां जो दूध आता है वो सिर्फ सफ़ेद पानी होता है, उसमे मिलावट ज्यादा रहती है.
लेकिन इन शिकायतों को पटना नाउ ने जब सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. सतीश कुमार सिन्हा से की तो दो टूक में उन्होंने रटा-रटाया टोटे की तरह जवाब दे डाला कि “यहां की व्यवस्था काफी अच्छी है और डॉक्टर समय पर आते है.” जहाँ इलाजरत मरीज हालातों से जूझते सच को बयाँ कर रहा हो उसे नकारते हुए सदर अस्पताल की सेवा को उपाधीक्षक द्वारा बेहतर कहना ही अस्पताल व्यवस्था पर निशान है.
आरा से सावन कुमार की रिपोर्ट