पैक्स चुनाव में भी मतदाताओं ने किया वोट बहिष्कार का निर्णय

By om prakash pandey Dec 15, 2019

देवचन्दा के मतदाता नही करेंगे पैक्स चुनाव में वोट

Patna now Special





आरा. चुनाव के वक्त वोट बहिष्कार तो आपने अक्सर सुना होगा क्योंकि राजनेता विकास का वादा करने के बाद उस क्षेत्र में झांकी मारने तक नही जाते है. तब जनता चुनाव के वक्त उनको अपनी औकात दिखाती है. लेकिन क्या आपने कभी पैक्स चुनाव में भी वोट बहिष्कार के बारे में सुना है?नही! तो आइए बताते हैं कि तिलाठ पंचायत के देवचन्दा गाँव के सभी पैक्स मतदाताओ ने एक स्वर में पैक्स चुनाव का बहिष्कार किया है. देवचन्दा भोजपुर जिले के पीरो प्रखंड में पड़ता है. पीरो प्रखंड में BDO मनेंद्र कुमार की दबंगो से ऐसी सांठगांठ है कि अधिकांश जगह उनके दबंग लोग ही चुनाव में खड़े है. BDO साहब किसी बात पर बात ही नही करते और दबंगई के साथ सवाल पूछने पर कहते हैं कि आपको हम नही बतलायेंगे.


वोट बहिष्कार क्यों ?

पैक्स चुनाव का बहिष्कार कर रहे मतदाताओ का आरोप है कि देवचन्दा गांव मे पहले पैक्स चुनाव के लिये मतदान होता था. जो 2001 के नए परिसीमन के बाद बिना किसी नोटिफिकेशन के ही देवचन्दा गांव से पैक्स के बूथ को हटा कर तिलाठ गांव में कर दिया गया. तब से वहां के दबंग लोग अपनी दबंगई दिखा वोटरों को वोट देने से वंचित करते आ रहे है. ग्रामीणों ने बताया कि सरकार एक तरफ मताधिकार के लिए जागरूक करने में लाखों-करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वही दूसरी तरफ जिला प्रशासन की लापरवाही और कुछ सफेदपोशों के सह पर उनके गाँव से मतदान केंद्र को हटा कर उन्हें ही वोट से वंचित कर दिया गया है. मतदाताओं का आरोप है कि निवर्तमान पैक्स अध्यक्ष के मिली भगत से बिना किसी सूचना और नोटिफिकेशन के ही एकाएक बूथ को देवचन्दा गांव से हटा कर तिलाठ कर दिया गया, जो देवचन्दा गाँव से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर है. देवचन्दा गाँव मे अभी कुल 300 के लगभग मतदाता है. जिन्होंने इस बार दबंग लोगो के भय से वोट बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.

मतदाताओ ने बताया कि इस समस्या से जिला प्रशासन एवं सरकार के प्रतिनिधियों को कई बार अवगत कराया गया. पिछले पैक्स चुनाव से पहले सड़क जाम भी किया गया था मगर आश्वासन के अलावा अब तक सम्बंधित अधिकारियों की तरफ से कोई पहल नही किया गया. देवचन्दा मे पैक्स गोदाम और पैक्स का जमीन भी आवंटित है फिर भी यहां से मतदान केंद्र को हटा कर इतनी दूर तिलाठ गांव में कर दिया गया. विदित हो कि तिलाठ पंचायत में कुल तीन गाँव देवचन्दा, तिलाठ और मोहन टोला है. तिलाठ पंचायत में सियाराम राय तीसरी बार पैक्स के उम्मीदवार है, जो विगत दो बार से लगातार पैक्स के अध्यक्ष है. मलाईदार पद की मलाई 10 वर्षो से खाने के बाद इस पद का मोह इन्हें छोड़ नही रहा है. ग्रामीणों का आरोप है सियाराम राय और वर्तमान BDO की मिलीभगत से यह काम हुआ है. पिछली बार के आश्वासन के बाद भी कुछ कार्रवाई का न होना सरकार की नियत को साफ करता है. इसलिए एक स्वर में वोटरों ने कहा है कि “बूथ नही तो वोट नही.” अब देखना होगा कि प्रशासन ग्रामीणों की इस मांग को सुनता है या पूर्ववत की तरह दबंगो की ही.

देवचन्दा ही नही बल्कि सूत्रों की माने तो पीरो के ही अमेहता पंचायत के केवटिया के वोटरों ने भी वोट नही देने का फैसला किया है लेकिन उन्होंने इसको लेकर कोई आवाज नही उठाया है. ग्रामीणों के अनुसार आवाज उठाने से कोई फायदा नही क्योंकि अधिकारी तो बस कान में तेल डालकर बैठे अपना काम करते हैं. दरअसल केवटिया के ग्रामीणों में पैक्स के लगभग 1100 वोटर थे लेकिन निवर्तमान पैक्स अध्यक्ष मुनिनाथ तिवारी और सरकारी बाबुओं की मेहरबानी से वोटर लिस्ट में सिर्फ 250 वोटरों का ही नाम है. अब खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इतने बड़े पैमाने पर धांधली कौन कर सकता है. चुनावी गणित के माहिर पंडितों ने सिर्फ उन्हीं का नाम लिस्ट में रखा है जो दबंग और निवर्तमान अध्यक्षों के झोला ढोने का काम करते हैं. जिसतरह चुपके से सरकार ने उनका नाम हटाया है उसी तरह चुपके से लिस्ट में शेष बचे 250 लोग भी अपने गाँव के लोगो के साथ हो गए है और इसी चुप्पी से वोट नही देने का फैसला भी किया है ताकि धांधली का खेल, और फिर मलाई चाभने वालों को उनकी औकात बताई जा सके.

आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

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