शिकायत करने पर कार्रवाई नहीं, BDO ने कहा नहीं बताऊंगा कार्रवाई क्यों नही हुई
Patna now special Report
आरा,13 दिसम्बर. बिहार में पहले चरण के मतदान संपन्न हो गए हैं और अब दुसरे चरण के मतदान के लिए तैयारियां जोरो पर हैं. इन तैयारियों के बीच कई जगहों से मतदाता सूची में नाम हटाने से लेकर नाम को सदस्य से सह-सदस्य में बदलने तक का मामला जोर पकड़ रहा है. भोजपुर जिले के पीरो प्रखंड के अमेहता गांव में ऐसा ही मामला सामने आया है जहाँ स्थानीय नागरिकों ने ये आरोप लगाया कि पूर्व पैक्स अध्यक्ष मुनिनाथ तिवारी ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए सदस्यों का नाम सह-सदस्य में कन्वर्ट करवा दिया है जिससे कोई भी सदस्य चुनाव में खड़े भी नही हो पाए हैं. पैक्स चुनाव में यह नियम है कि केवल सदस्य ही अध्यक्ष पद के लिए नामांकन कर सकते हैं, सह-सदस्य को वोट देने के अलावा कोई अधिकार नही है.
इस सम्बंध में BDO से लेकर DM तक शिकायत करने के बाद भी अबतक कोई कार्रवाई नही हुई है. इस मामले में जब पटना नाउ ने पीरो BDO मनेंद्र कुमार से बात कर शिकायत पर कार्रवाई की वजह जानने की कोशिश की तो BDO ने उदंडता के साथ कहा कि “इसके बारे में मैं नही बताऊंगा” और फोन काट दिया. इस तरह का जवाब साफ संकेत है कि सदस्यों को सह-सदस्य में कन्वर्ट करने में BDO कहीं न कहीं शामिल हैं.
पूर्व पैक्स प्रत्याशी भी सह-सदस्य की सूची में
नया लिस्ट जिसमे सदस्यों को सह-सदस्य में कन्वर्ट कर दिया गया है सदस्यों के नाम का पूर्व लिस्ट
अमेहता पंचायत के बसडीहाँ निवासी चंद्र कुमार तिवारी के अनुसार पूर्व पैक्स अध्यक्ष मुन्नी नाथ तिवारी ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए सदस्यों का नाम (मतदाता सूचि में क्रमांक 97 ) सह-सदस्य में कन्वर्ट कर दिया है ऐसा गांव के कई नागरिकों के साथ हुआ हैं. जिससे वे चुनाव में खड़े नही हो पाए है बस केवल वोट देने के अधिकारी है. उनके अनुसार उन्होंने इस घटना को लेकर पीरो प्रखंड पदाधिकारी के पास शिकायत दर्ज कराई है और कहा है कि अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए पैक्स अध्यक्ष सह अमेहता, के द्वारा लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. हद तो यह है जिस व्यक्ति ने इस पद के लिए पूर्व में चुनाव भी लड़ा था उसका नाम भी सह-सदस्य में कन्वर्ट कर दिया गया है.
BDO ने कैंसिल किया था पूर्व पैक्स अध्यक्ष का राशन वितरण का दुकान
बताते चलें कि मुनिनाथ तिवारी के राशन वितरण दुकान में ग्रामीणों के शिकायत पर भारी अनियमितताएं पाई गयीं थी तो BDO ने खुद जांच कर पैक्स संचालित जन वितरण की दुकान को 6 मार्च 2017 को रद्द कर किया था. BDO ने उसमे लिखा था कि जबतक पैक्स अध्यक्ष के पद पर किसी दूसरे व्यक्ति का मनोनयन नही हो जाता तो अगले आदेश तक उक्त जन वितरण की दुकान को स्थगित किया जाता है. लेकिन 2 वर्ष बाद भी न तो किसी का मनोनयन हुआ और ना ही जन वितरण दुकान बंद. बावजूद इसके सरकारी फाइलों में दर्ज दागी मुनिनाथ तिवारी पैक्स अध्यक्ष के लिए नामांकन भर चुका है लेकिन सदस्य, सह-सदस्य बने एकटक अपनी बेबसी और इस भ्रस्टाचारी सरकारी तँत्र को निहार रहे हैं.
पैक्स अध्यक्ष पद के लिए मारामारी क्यों?
पैक्स अध्यक्षों को फसल लोन के रूप में एक किसान को प्रति एकड़ के हिसाब से अधिकतम ₹-11250/- नगद, खाद, बीज व दवाइयों के रूप में ₹-3700/- और किसानों को 7% सालाना ब्याज की दर से कर्ज दिलाना होता हैं. लेकिन किसानो के लिए तय यह राशि किसानो के बजाय सहकारी बैंककर्मियों और सरकारी बाबुओं के साथ पैक्स अध्यक्ष की जेबें गर्म करती है. यही कारण है कि इस मलाईदार पद पर सभी की निगाहे टिकी रहती हैं और जिसने एक बार इस पद का मलाई चख लिया वह किसी कीमत पर इसे नही छोड़ना चाहता.
आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट