पटना (पटना नाउ ब्यूरो रिपोर्ट)| अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, बिहार प्रदेश के कोर ग्रुप की बैठक नागेश्वर कॉलोनी में आयोजित की गयी. जदयू प्रवक्ता एवं अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने बैठक सम्बोधित करते हुए राज्य में सांगठनिक विस्तार की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए दहेज एवं कन्या भ्रूणहत्या जैसी विकृतियों से निबटने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाए जाने के लिए आह्वान किया.
राजीव रंजन ने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण, डाक्टर राजेंद्र प्रसाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, स्व० लालबहादुर शास्त्री, स्वामी विवेकानंद एवं महर्षि अरविन्दो की सन्तानों को अपनी विरासत एवं गौरवशाली परम्परा के अनुरूप आचरण करते हुए राजनीतिक तौर पर निष्कासन से बाहर निकल कर अपना भविष्य तय करना होगा. साथ ही यह समझना होगा कि जो समाज लोकतंत्र में वोट ट्रांस्फ़र करने की क्षमता नहीं विकसित करेगा, उसे हाशिए से बाहर निकालना असम्भव है.
इस अवसर पर महासभा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य एवं उत्तरप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी, काशी प्रांत के अध्यक्ष महेश श्रीवास्तव ने स्वाधीनता संग्राम एवं आधुनिक भारत के निर्माण में कायस्थों के योगदान की चर्चा करते हुए एक बार फिर अपनी भूमिका तय करने के लिए महासभा का आह्वान किया. महेश श्रीवास्तव ने कहा कि महासभा के द्वारा पुरे देश में अलग अलग जगहों से भगवान श्री चित्रगुप्त कि शोभा यात्रा निकाली जायेगी जिसके तिथि की घोषणा बाद में निर्णयोंपरांत की जायेगी.
वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डाक्टर मुकेश श्रीवास्तव ने कार्ययोजना का स्वरुप स्पष्ट करते हुए राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में महासभा की तैयारी पर अपनी बातें रखीं. इस अवसर पर महेश श्रीवास्तव एवं डाक्टर मुकेश श्रीवास्तव का अभाकाम की बिहार इकाई द्वारा सम्मान किया गया.
इस बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष जे के दत्त ने एवं धन्यवाद ज्ञापन महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रबिश श्रीवास्तव ने की. बैठक में प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष दीपक अभिषेक, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता अतुल आनन्द “सन्नु”, डाक्टर डीएन सिन्हा, प्रदेश कोषाध्यक्ष सुनील कुमार सिन्हा, रागिनी रंजन, संजय सिन्हा, रीना सिन्हा, धीरेंद्र सिन्हा, शशांक शेखर सिन्हा, सूर्य प्रकाश सिन्हा, युवा के प्रदेश अध्यक्ष अनिमेष आनंद, महासचिव विकेश आर्यन, वंदना सिन्हा, डाक्टर शंपा सिन्हा, रवि सिन्हा, राजेश सिन्हा, अपूर्व श्रीवास्तव एवं बलराम ने भी विचार रखे.