पटना (प०ना० रिपोर्ट) | रामानंद संप्रदाय के प्रधान आचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य जी महाराज पांच दिवसीय प्रवास पर 4 दिसम्बर को पटना आ रहे हैं. वे 5 दिसम्बर से राजधानी के राजेन्द्र नगर में सनातनी श्रद्धालुओं को संबोधित करेंगे. स्वामीजी के सत्संग की तैयारियां अंतिम चरण में है.
जगदगुरु रामानंदाचार्य पद प्रतिष्ठित स्वामी रामनरेशाचार्य रामानंदी वैष्णवों की मूल आचार्यपीठ श्रीमठ, पंचगंगा घाट, काशी के वर्तमान पीठाधीश्वर हैं. इस पीठ को सगुण और निर्गुण रामभक्ति परंपरा और रामानंद संप्रदाय का मूल गादी होने का गौरव प्राप्त है.
रामानंदाचार्य आध्यात्मिक मंडल, बिहार से जुड़े सतेन्द्र पांडेय के मुताबिक स्वामीजी का पटना प्रवास रामभाव प्रसार यात्रा के तहत हो रहा है. इसके निमित्त वे वैष्णव विश्व दर्शन फाउंडेशन के सभागार में निवास करेंगे तो राजेन्द्र नगर में गणपति उत्सव के सामने है. राजधानी के भक्त सुबह में आचार्यश्री का दर्शन, पूजन करेंगे. दोपहर में भंडारा होगा और सायं चार बजे से सत्संग का आयोजन होगा, जिसमें जगदगुरु रामानंदाचार्य के प्रवचनों का लाभ श्रद्धालु ले पाएंगे.
रामालय ट्रस्ट के संयोजक हैं रामनरेशाचार्य
जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य रामजन्मभूमि पर भव्य राममंदिर बनाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हराव की पहल पर गठित रामालय ट्रस्ट के संयोजक रहे हैं. उस ट्रस्ट में द्वारा पीठ और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती और श्रृंगेरी पीठ शंकराचार्य स्वामी भारती तीर्थ जी भी थे. रामनरेशाचार्य जी ने राममंदिर आंदोलन से आम जन को जोड़ने के लिए देशव्यापी यात्राएं की थी. रामजन्मभूमि की मुक्ति के लिए बने रामजन्मभूमि न्यास के पहले अध्यक्ष शिवरामाचार्य थे, जो इनसे पहले श्रीमठ के पीठाधीश्वर थे.
राममंदिर में हो सबकी सहभागिता
स्वामी रामनरेशाचार्य ने साफ किया है कि अयोध्या में राममंदिर के निर्माण में सबकी सहभागिता होनी चाहिए. ऐसा नहीं है कि हम अहंकारवश ऐसा समझ बैठें कि मेरे कारण ही यह निर्णय आया है. ऐसा भी न हो कि परम पावन आविर्भावस्थली को मात्र एक पर्यटन स्थल में विकसित कर अर्थोपार्जन का साधन बना डालें, जिसका संबंध आध्यात्मिकता से कोसों दूर हो जाए.