लापरवाह जिला प्रशासन बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचने में विफल, एक महिला की मौ’त

By om prakash pandey Sep 25, 2019

नाव के अभाव में गयी जान, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों की बिगड़ रही है तबियत

आरा, 25 सितंबर. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पीड़ितों तक पहुंचने का दावा करने वाले जिला प्रशासन की सच्चाई मंगलवार को सामने आई जब नाव के अभाव में बाढ़ क्षेत्र में बीमार महिला इलाज के अभाव में दम तोड़ दी. तस्वीर खुद हक्कीकत बयान कर रही है, जहाँ पानी मे से पैदल कंधे पर एक लाश ढोते हुए कुछ लोग आते दिख रहे हैं.




घटना आरा प्रखंड के पिरौटा पंचायत की है. मृतक आशा देवी, बिनोद प्रसाद की पत्नी थी,जो राजकीय अभ्यासार्थ बुनियादी विद्यालय पिरौटा में रसोईया के काम करती थी. मिली जानकारी के अनुसार आशा देवी की अचानक बहुत ज्यादा तबियत बिगड़ने लगी. लेकिन बाढ़ क्षेत्र में फंसे बदकिस्मत को क्या पता था कि उन्हें हॉस्पिटल पहुंचने के लिए इस बाढ़ क्षेत्र में जिला प्रशासन एक नाव तक मुहैया नही कराएगी. हुआ भी यही, नियति का खेल कहिए या उस महिला की बदकिस्मती, उसे पानी मे ही किसी तरह खटिया पर लाद कर ग्रामीण इलाज के लिए बाहर लाए ताकि उसका इलाज सदर अस्पताल में करा दिया जाएगा, लेकिन आरा हॉस्पिटल ले जाने से पूर्व ही वह चल बसी. ऐसा लगा मानो बाढ़ के किनारे मौत खड़ी हो उसका इंतजार कर रही हो. अगर इस बढ़ ग्रस्त इलाके में नाव की व्यवस्था होती तो समय से उसे हॉस्पिटल पहुँचाया जा सकता था,जहां उसकी जान बच जाती.

बताते चलें कि 22 सितम्बर को भी पिरौटा पंचायत के ग्राम जगवलिया के स्व० द्वरिका चौधरी के 52 वर्षीय पुत्र देवनाथ चौधरी को पानी में डूबने से वहां के मुखिया एवं जन अधिकार पार्टी लो० के सभी कार्यकर्ताओ ने जान बचाकर सदर अस्पताल इमरजेंसी वार्ड में पहुंचाया था. मुखिया पति विजय यादव ने उस दिन भी कहा था कि अगर जिला प्रशासन द्वारा इस बाढ़ प्रभावित इलाके में नाव दिया गया होता तो ये ये हादसा नही हुआ होता.

पिरौटा मुखिया पति सह पूर्व मुखिया विजय यादव और जाप युवा जिलाध्यक्ष रघुपति यादव ने पटना नाउ को बताया कि वे लगातार जिला प्रशासन से नाव, डॉक्टर टीम, त्रिपाल, और मवेशियों की चारा-वगैरह की माँग कर रहे है, लेकिन अभी तक कोई सुविधा जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई है.

सामाजिक कार्यकर्ता दिनरात लगे सेवा में

एक तरफ जिला प्रशासन कुम्भकर्णी नींद में सोयी हुई है तो दूसरी ओर क्षेत्र के कुछ सामाजिक कार्यकर्ता दिनरात बाढ़ में फंसे लोगों तक राहत सामग्री से ले उनके दवा और अन्य मदद में लगे हुए हैं. पूर्व मुखिया व वर्तमान मुखिया पति के चार ट्रैक्टर एवं 2 जेसीबी 24 घण्टे बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में लोगों की सेवा में लगी हुई है. वही युवा जाप जिलाध्यक्ष रघुपति यादव मृत रसोइया के परिजनों संग खुद मृतक को कंधा देते हुए पिरौटा से मौजमपुर घाट तक पैदल अंतिम संस्कार में साथ डटे रहे. साथ ही उन्होंने मृतक रसोइया के लिए सरकार व जिला प्रशासन से 5 लाख रुपये मुआवजे की माँग भी की है. हालांकि सरकार द्वारा पहले से रसोइयो को मृत्योपरांत 4 लाख का देने का प्रावधान हैं. साथ ही बाढ़ ग्रस्त पिरौटा पंचायत में तमाम तरह की सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर प्रशासन इस लापरवाही के बाद भी बार-बार कहने पर ध्यान नहीं देती है तो बाध्य होकर ब्लॉक का घेराव करेंगे.
अब देखना यह होगा कि अपनी लापरवाही पर प्रशासन पर्दा डालती है या गलती ना हो इसके लिए बाढ़ पीड़ितों को सुविधाएं त्वरित मुहैया कर अपनी संवेदनशीलता दिखाती है.

ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

Related Post