पटना (ब्यूरो रिपोर्ट) | बृहस्पतिवार को तीन युवकों से एक जमादार द्वारा चरित्र प्रमाण पत्र के आवेदन का सत्यापन कराने के बदले पैसे लेने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. यह जमादार कोईलवर थाने का बताया जाता है. हालांकि यह वीडियो कब का है इसकी जानकारी नही हो पाई है. यदि वीडियो वायरल करने वाले कि माने तो यह वीडियो हाल के दिनों का है.
वीडियो वायरल करने वाले के अनुसार कोईलवर थाना क्षेत्र में तीन आवेदकों ने एसपी ऑफिस के आरटीपीएस कार्यालय में चरित्र प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दिया था. एसपी ऑफिस के आरटीपीएस कार्यालय से सत्यापन के लिए कोईलवर थाना आये आवेदन की स्थिति पता करने जब आवेदक थाना गया तो उसे यह कह कर वापस कर दिया गया कि अभी इम्पोर्टेन्ट काम हो रहा है. उन्हें कहा गया कि जाओ, इस बावत उनको दो चार दिन बाद फोन चला जायेगा. क्या डॉक्यूमेंट साथ लाना पड़ेगा ये पूछने पर जमादार साहब ने बताया कि एक सौ रुपया प्रति आवेदन यहाँ जमा करना पड़ता है. जिसपर आवेदक तैयार हो गया. चार दिन बाद फोन कर थाना बुलाया गया. साथ ही खर्चा लेकर आवास पर ही आ जाने को कहा गया. इसके बाद आवेदक थाना पहुंचा और उक्त अधिकारी से मिला. जहां पुलिस पदाधिकारी को आवेदक ने बताया कि चरित्र प्रमाण पत्र निविदा कार्य के लिए बनाया जा रहा है. उक्त पुलिस पदाधिकारी ने खर्च अधिक लगने की बात कही. साथ ही यह भी कहा कि पुराने ठेकेदार बिना पूछे दो हजार रुपये दे के जाते है. आपलोग शुरुआत कर रहे हैं इसलिए 500 रुपये ही ले रहा हूँ. साथ ही पैरवी नही करने की सलाह युक्त पुलिस पदाधिकारी ने कर दी. और यह भी कहा कि ऐसे में काम और बिगड़ जाता है और कागजे फंस जाता है,अफसर अगर कुछ उल्टा पुल्टा लिख दिया तो चरित्र प्रमाण भी नही बनेगा. बहुत सारा कोरम पूरा करना पड़ता है और लिखना जांच करना है कि बात कह पैसे लेने वाले दरोगा जी के हाथ मे जैसे ही पांच सौ के तीन नोट आते हैं. वहीं बैठे बैठे फॉर्म का सब डिटेल भर देते है और तुरंत डाक में डाल देने की बात कहते हैं. जिसका वीडियो वायरल कर दिया गया.
वीडियो (देखिए) में हुए बातचीत का रूपांतरण इस प्रकार है –
आवेदक:- सर करेक्टर सर्टिफिकेट के लिये फोन आया था थाने से…
जमादार:- अच्छा! आप ही हैं!किस काम के लिए बनवा रहे हैं??
आवेदक:- सर!निविदा के लिए
जमादार:-तब तो उसमें खर्चा ज्यादा है।डबल लगेगा…
आवेदक:- सर आप तो उस दिन 100₹ बोले थे…
जमादार:- निविदा के लिए न है जी…करोड़ों कमाइयेगा!हमको क्या मिलेगा?ओइसे भी बहुत डिटेल भरना पड़ता है।केस उस झगड़ा झंझट सब न देखना पड़ता है…बहुत कागज़ी कोरम पूरा करना पड़ता है….केस उस नही न है ????
आवेदक:- नहीं सर…साफ सुथरा लोग हैं सर हमलोग…कम्पटीशन में एज खतम हो गया तो सोचे इधरो किस्मत आजमा लें…
जमादार:- इसीलिए न आपलोग से कम ले रहे हैं।आपलोग नए हैं,पुराना लोग को एतना कहना नही पड़ता है।बिना मंगले 2000 दे देता है लोग एक आवेदन का।
आवेदक:-ठीक है सर!केतना दे दें?तीन आदमी हैं हमलोग….
जमादार:- एक आदमी का 500 दे दीजिए…अब क्या बोलें स्टूडेंट हैं नया हैं इस फील्ड में तो…
आवेदक:-ठीक है सर…हम सोचे ज्यादा लगेगा तो किसी से पैरवी उरवी मत कराना पड़े!!
जमादार:- इसी में काम गड़बड़ा जाता है…कागजे फंस जाएगा…उल्टा पुल्टा लिख देगा अफसर त अझुरा जाइयेगा झुट्ठो… भुलाइलो ई सब मत कीजियेगा
आवेदक:- ठीक है सर…कब तक यहाँ से चल जाएगा
जमादार:- हम तो आज न त बिहान भेज देंगे,वहां तो टाइमें पर न देगा….जल्दीबाजी रहता है तो कुछ खर्चा लेके दे देता है सब वहां भी….