आने वाले 3 सालों में Jio विश्व के 100 सबसे मूल्यवान ब्रांड्स में शामिल होगा : रिपोर्ट

By Nikhil Sep 18, 2019 #Jio 4G #Mukesh Ambani #WPP

पटना / नई दिल्ली (ब्यूरो रिपोर्ट) | मुकेश अंबानी संचालित कंपनी ‘Jio’ ने बुधवार को प्रेस रिलीज़ में एक रिपोर्ट के आधार पर बताया है कि यह आने वाले 3 सालों के अंदर विश्व के 100 सबसे मूल्यवान ब्रांड्स में शामिल होगी. संचार सेवा प्रदाता WPP और मार्केट रिसर्च फर्म Kantar Millward Brown ने ‘टॉप 100 मोस्ट वैल्यूएबल ग्लोबल ब्रांड्स 2019’ रिपोर्ट में कहा कि अमेजन ताजा आकलन में एप्पल और गूगल को पछाड़ कर इस साल दुनिया का सबसे मूल्यवान ब्रांड बन गया है. अमेजन की ब्रांड वैल्यू (मूल्य) 315.505 अरब डॉलर रही.
जियो को पुरानी व्यवस्थाओं में बदलाव करने वाले 100 वैश्विक ब्रांडों में जगह दी गई है. मौजूदा समय में जियो का ब्रांड मूल्य 4.1 अरब डॉलर है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘जियो ने डेटा पर भारी छूट देकर भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन किया और पुरानी व्यवस्था को बदलने का काम किया. इसके चलते प्रतिस्पर्धी दूरसंचार कंपनियों को कीमत घटाने और विलय करने पर मजबूर होना पड़ा.’ इस रिपोर्ट में आगे में कहा गया है कि जियो के इस कदम से न सिर्फ जियो के ग्राहकों को बल्कि दूसरे ग्राहकों को भी फायदा मिला है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि जियो ‘मौजूदा वृद्धि दर से आगे बढ़ेगा तो तीन साल के अंदर शीर्ष 100 ब्रांड की श्रेणी में आ जाएगा.’
रिपोर्ट के अनुसार इस सूची में नए प्रवेश करने वालों में जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) है. रिपोर्ट के मुताबिक, सूची में एलआईसी (20.314 अरब डॉलर) 68 वें पायदान और टीसीएस (14.282 अरब डॉलर) 97 वें स्थान पर है. रिपोर्ट के अनुसार ‘‘हालांकि जियो को 2016 में लॉन्च किया गया, भारतीय उपभोक्ताओं ने जियो को 1995 में बाजार में प्रवेश हुई संचार कंपनी एयरटेल के विकल्प के रूप में देखा. केवल तीन सालों में लगभग 300 मिलियन ग्राहकों को आकर्षित करने वाला जियो संभावित रूप से विज्ञापन और कंटेंट की बिक्री के साथ इस दर्शकों का लाभ उठा सकता है.’’
यह बताते हुए कि सार्थक व्यवधान स्केलेबल प्रासंगिकता का आधार है, रिपोर्ट में कहा गया है कि जियो, वर्तमान विकास दर पर तीन वर्षों के भीतर शीर्ष 100 में प्रवेश करेगी. इसने कहा कि इस साल पहली बार रैंकिंग में आने वाले नौ ब्रांड्स में से चार ब्रांड चीन के हैं और दो भारत के हैं. रिपोर्ट के अनुसार ‘‘भारतीय ब्रांड सरकारी स्वामित्व वाली एलआईसी, और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, वैश्विक टेक्नोलॉजी कंसल्टेंसी सर्विसेज हैं.’’ बाजार में एक बड़ा बदलाव लाने वाले ब्रांड का एक श्रेणी के मूल्य पर एक असरदार प्रभाव पड़ता है, आमतौर पर मौजूदा श्रेणी के तहत रीडिस्ट्रीब्यूटिंग वैल्यू के तीन तरीकों में से एक में है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘‘जब भारतीय दूरसंचार प्रदाता जियो ने अपने मुफ्त डेटा ऑफर के साथ लॉन्च किया तो इसने कैटेगरी की वैल्यू में वृद्धि नहीं की, लेकिन मूल्य को मजबूत करने के लिए एक अहम भूमिका अदा की है.
बाजार में बदलाव कई तरह से महसूस किया जा रहा है. यह एक मूल उत्पाद या सेवा के बारे में हो सकता है, जैसे कि बदलाव या व्यवधान एक नया व्यवसाय मॉडल हो सकता है. रिपोर्ट के अनुसार ‘‘उदाहरण के लिए, जियो ने डेटा पर रियायती कीमतों के साथ भारतीय दूरसंचार प्रदाता श्रेणी में प्रवेश किया, जिससे प्रतियोगियों को कम कीमतों के लिए मजबूर किया गया. संचालित श्रेणी समेकन होने और लगभग 300 मिलियन ग्राहकों के बड़े दर्शकों को संगठित करने के बाद, जियो संभावित रूप से राजस्व पैदा करने वाली सामग्री और विज्ञापन को भी अपने नेटवर्क में शामिल कर सकता है.’’
रिपोर्ट में कहा गया है कि जियो बाजार में एक बड़ा बदलाव लाने का एक अच्छा उदाहरण है जहां एक नया ब्रांड या ऑफर एक बाजार में प्रवेश करता है और एक विशेष श्रेणी को प्रभावित या रीडिफाइन करता है जो सभी उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाता है, चाहे वे उस विशेष ब्रांड के ग्राहक हों या नहीं. इसमें कहा गया है कि ‘‘लॉन्च के समय, जियो ने पहले छह महीनों के लिए मुफ्त डेटा प्रदान किया और उसके बाद ही तुलनात्मक रूप से मामूली मूल्य निर्धारण शुरू किया. जियो ने काफी तेजी से अपना आधार तैयार किया है. बाजार की प्रमुख कंपनियों एयरटेल और वोडाफोन के ग्राहकों को भी ‘जियो इफैक्ट’ का लाभ महसूस हुआ. क्योंकि जियो ने उन्हें मजबूर किया कि वे प्रतिस्पर्धा करने और ग्राहकों को बनाए रखने के लिए अपनी डेटा सर्विसेज की कीमतों को कम करें.’’




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