रविवार 15 सितंबर को एनआईओएस से डीएलएड किए हुए गैर सरकारी शिक्षकों को बिहार शिक्षक नियोजन में शामिल करने की मांग को लेकर राज्य के अलग-अलग हिस्सों में गैर सरकारी प्रशिक्षित शिक्षक सरकार विरोधी नारे लगाए. एन आई ओ एस से डी एल एड किए हुए सारण के सभी प्रशिक्षित शिक्षकोॆ ने रविवार को जिला मुख्यालय के जगदम कॉलेज मैदान में सरकार विरोधी नारे लगाए. इन शिक्षकों की एक ही मांग है समान डिग्री समान अधिकार. इन सभी शिक्षकों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न राज्य सरकारों के सहयोग से बिहार में भी करीब ढाई लाख गैर सरकारी अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया. इन प्रशिक्षित शिक्षकों का कहना है कि जब केंद्र और राज्य सरकार ने हमें पूरी मापदंड के अनुसार जब 2 वर्षीय डीएल एड कोर्स को 18 महीना में ही पूरा करवा दी तो इसकी जवाबदेही केंद्र और राज्य सरकार की होनी चाहिए साथ ही साथ एनआईओएस और एनसीटीसी को भी होनी चाहिए। दरअसल यह पूरा मामला राइट ऑफ एजुकेशन 2009 के तहत 31 मार्च 2019 तक सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित होने का डेड लाइन समय था उसी कड़ी में भारत सरकार ने संसद में कानून पारित कर इन 2 वर्षीय डीएलएड कोर्स को 18 महीना में पूरा करने का निर्णय लिया जो केंद्र और राज्य सरकारों की सहमति थी. प्रदर्शन कर रहे रोहित, चंदन, शिशुपाल, करण, सुरेश, प्रकाश , रिंकू कुमारी, रचना, चंदन शुक्ला और सोनम समेत बड़ी संख्या में शिक्षकों ने बिहार सरकार से इस दिशा में शीघ्र कोई व्यवस्था करने की अपील भी की है.
किससे करें फरियाद!
आखिर यह प्रशिक्षित शिक्षक अब किससे करें फरियाद। सुनने वाला कोई नहीं। यह प्रशिक्षक सरकार के शिक्षा मंत्री से लेकर शिक्षा विभाग के बड़े-बड़े अधिकारियों तक अपनी गुहार लगा चुके हैं लेकिन अभी तक इनकी फरियाद को सुना नहीं गया और थक हार कर और कानून के शरण जाने को विवश है।
कोर्ट की शरण में प्रशिक्षित शिक्षक!
एनआईओएस से यह सब प्रशिक्षित शिक्षक जो सामान डिग्री और समान अधिकार को मांग को लेकर नारे लगा रहे हैं यह सब सरकार के बड़े-बड़े अधिकारियों से गुहार लगाने और थक हार कर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को विवश है.