आरा, 20अगस्त. प्रतिभा किसी उम्र का मोहताज नही होती और ना ही वह किसी बन्धन में बंध सकती है…. तभी तो दिनकर जी ने भी लिखा है – ” जलद-पटल में छुपा किंतु रवि कबतक रह सकता है, युग की अवहेलना शूरमा कबतक सह सकता है.” मतलब साफ़ है कि प्रतिभा का परिचय बीज के प्रस्फुटन से ही हो जाता है. ऐसे ही युवा शास्त्रीय गायिका नंदिता के रुप में एक प्रतिभा का प्रस्फुटन भोजपुर जिले में हुआ है. जिसने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में डिप्लोमा के प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होकर जिले का नाम रौशन किया है. प्रवेश परीक्षा में हिन्दुस्तानी वोकल विषय में करीब 900 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया था, जिसमें जेनरल कैटेगरी में 30 सीटों के अलावा कुल 70 सीटें थी. उसमे नंदिता को 10वां स्थान हासिल हुआ.
नन्ही सी उम्र में स्व. दीपमाला देवी व विशेश्वर तिवारी की पुत्री नंदिता ने संगीत की प्रारम्भिक शिक्षा अपने नाना पंडित राधेश्याम तिवारी से ली. अपने ननिहाल ब्रह्मपुर प्रखंड के भदवर से ही उसने प्रारंभिक शिक्षा हासिल की. नन्दिता फिलहाल शहर के महाराणा प्रताप नगर में रहती हैं. प्रयाग संगीत समिति से जूनियर डिप्लोमा कर चुकी नंदिता ने संगीत की बारीकियों को शास्त्रीय संगीत की विदुषी बिमला देवी से सीखा. नंदिता की प्रतिभा को कथक गुरु बक्शी विकास ने निखारने के साथ-साथ शास्त्रीय संगीत के प्रतिष्ठित आयोजनों में उसका प्रदर्शन भी करवाया. नंदिता अबतक जिला युवा उत्सव, दशहरा उत्सव, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव संगीत समारोह समेत कई आयोजनों में सफल प्रदर्शन कर चुकी है,जहां इन्हे शास्त्रीय गायन में प्रथम पुरस्कार के साथ-साथ युवा कलाश्री सम्मान भी प्राप्त हुआ है. नंदिता के उपलब्धि पर प्रोफेसर लाल बाबू निराला, पंडित ब्रजेन्द्र महाराज, रंजीत बहादुर माथुर, समेत कई लोगों ने बधाई दी हैं. नन्दिता चर्चित पत्रकार मंगलेश तिवारी की भांजी है. उन्होंने भी उसकी इस जीत पर खुशी ब्यक्त की है. वही ओ पी पांडेय और उनकी रँगसंस्था अभिनव और एक्ट ने भी नन्दिता के इस जीत पर बधाई दी है.
आरा से अपूर्वा की रिपोर्ट