पटना और बिहार के अन्य जिलों में नवरात्र के आखिरी तीन दिन सड़कों पर जबरदस्त भीड़ रहती है. खासकर पटना में तो इस दौरान सड़क पर पैदल चलने की भी जगह नहीं बचती. ऐसे में भीड़भाड़ के दौरान हादसों का अंदेशा भी रहता है. 2 साल पहले दशहरे के दिन रावण वध के बाद हुई भगदड़ को कौन भूल सकता है. इसे देखते हुए बिहार आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जिला प्रशासन के साथ-साथ आम लोगों के लिए भी कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इन्हें फॉलो करके संभावित हादसों से बचा जा सकता है. तो आइए एक नजर डालते हैं इन दिशा-निर्देशों पर ताकि आप त्योहार का मजा बिना किसी झंझट के ले सकें.
दशहरा/दुर्गा पूजा के अवसर पर ध्यान देने योग्य बातें
सामान्य नागरिकों के लिए निर्देश
1. मेले में अनावश्यक रूप से एक ही स्थान पर भीड़ न लगाएं. मेले में किसी प्रकार की अफवाह न फैलाएं और न ही उन पर ध्यान दें.
2. यदि आप परिवार या समूह के साथ हैं तो किसी आपात स्थिति में मेला क्षेत्र के बाहर मिलने का एक स्थान सुनिश्चित कर लें. एक दूसरे का फोन नं. साथ रखें. मेले में साथ लाए बच्चों को अकेला न छोड़ें, न ही उन्हें इधर-उधर जाने दें.
3. भगदड़ के समय संयम पूर्ण व्यवहार करें और घबराएं नहीं. दूर्गा पूजा के मूर्ति विसर्जन में तैराकी न जानने वाले पानी के भीतर न जाएं.
4. यदि आप छोटे बच्चों को मेले में लेकर जा रहे हैं तो उनकी जेब में (या गले में लाॅकेट की तरह) घर का पता और फोन नं अवश्य रख दें.
5. मेले में अपने बहुमूल्य सामानों की रक्षा स्वयं करें. मेले में किसी भी प्रकार के पटाखे/ज्वनलशील पदार्थ न ले जाएं तथा धूम्रपान न करें.
6. बिजली के तारों और उपकरणों से दूर रहें.
7. किसी भी आपात स्थिति में तत्काल नियंत्रण कक्ष में संपर्क करें.
8 मेले में प्रशासन की ओर से की जाने वाली घोषणाओं को ध्यान से सुनें और उसके अनुसार व्यवहार करें.
इनके अलावा आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जिला प्रशासन के लिए भी कुछ निर्देश जारी किए हैं.
जिला प्रशासन
1. मेले में आगमन एवं निकास की समुचित व्यवस्था (पुरूष एवं महिलाओं के लिए अलग-अलग).
2. बिजली के तारों एवं उपकरणों में सुरक्षा के पूर्ण उपायों की व्यवस्था, बिजली के तारों एवं उपकरणों के पास लोगों को न जाने दें.
3. आग से बचाव की समुचित व्यवस्था. एक ही ओर से भीड़ को आने और जाने न दिया जाय.
4. मेले के सुचारू रूप से संचालन के लिए नियंत्रण कक्ष की स्थापना/लाउडस्पीकर से लगातार आवश्यक सूचनाओं की घोषणा. 5. मेला स्थल पर पार्किंग की समुचित एवं सुचारू व्यवस्था. मेले में किसी भी प्रकार का अफवाह न फैलने दिया जाए.
6. चिकित्सा दल एवं एम्बुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था.
7. दुर्गा पूजा में मूर्ति विसर्जन के समय नावों में निर्धारित/लदान क्षमता से ज्यादा लोगों को न बैठने दिया जाए.
8. मेला स्थल पर समुचित रौशनी की व्यवस्था.
9. दुर्गा पूजा के अवसर पर विसर्जन हेतु घाटों एवं स्थलों को चिन्हित कर लिया जाए.
10. विसर्जन में प्रयुक्त नावों में सुरक्षा संबंधी उपाय एवं गोताखोरों की व्यवस्था.
11. विसर्जन क्रमबद्ध रूप से कराया जाए.
12. मेला या विसर्जन स्थल पर पटाखा आदि का इस्तेमाल न हो.