आरा,16 अगस्त. सावन में शुरू हुए 3 अगस्त से प्रारंभ 13 दिवसीय झूलनोत्सव का स्वतंत्रता दिवस की संध्या के साथ ही समापन हो गया. 13 दिनों तक धूमधाम का का माहौल रहा जिसमे आसपास के गांवों के लोग भी सांस्कृतिक माहौल में झूमते रहे. 13 दिनों तक चने वाले इस आयोजन में प्रतिदिन रात्रि को आठ बजे से 12 बजे तक भगवान को झूला झुलाया गया. इस दरम्यान देश के अलग अलग राज्यों एवम जिलों से आये कलाकारों द्वारा धार्मिक गायन प्रस्तुत कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया..
सबसे पहले मशहूर गायक व नायक हरीओम ने गाया..हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ… दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए..गाकर लोगो को झूमने पर मजबूर कर दिया, लोगो ने खूब सराहा. उसके बाद देवकुमार सिंह.. जितना दिया करतार ने मुझको उतनी मेरी औकात नहीं.. कन्हैया पाठक ने फाटल रहे धोतिया ए बभनु फाटल रहे बेवाय ,प्रभारक ने श्रीराम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में..
श्याम सिंह ने.. मैं हवा हूँ कहाँ वतन मेरा..गाकर लोगो को मंत्रमुग्ध कर दिया. इसके अलावा भारत में ख्याति प्राप्त तबला वादक देवेश दुबे, पवन बैंजो, रतन शर्मा ,अमित उपाध्याय, बिकाश पांडेय , प्रशांत चौबे,झकड़ तिवारी.. व अन्य ने भाग लिया.
इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का संकलन मशहूर नाल वादक वीरेंद्र पाठक द्वारा किया गया, इस13 दिवसीय झूलनोत्सव कार्यक्रम के आयोजन करने में रामनाथ ओझा का महत्वपूर्ण योगदान रहा. आयोजन में समस्त ग्रामीणों की भी सराहनीय भूमिका रही.