पटना (ब्यूरो) | श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का पर्व बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करती हैं. वहीं भाई भी जीवन भर अपनी बहनों को रक्षा का वचन देते हैं. यह पर्व भाई-बहन के प्रेम का अनुपम उदाहरण है. इस बार यह त्योहार 15 अगस्त को है.
बहनों को इस पर्व का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार रहता है. वहीं भाई भी बहनों के घर आने की बाट जोहते हैं. जब बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है तो वे यह कामना करती हैं कि उसके भाई के जीवन में कभी कोई कष्ट न हो, वह उन्नति करें और उसका जीवन सुखमय हो. वहीं भाई भी इस रक्षा सूत्र को बंधवाकर गौरवांवित अनुभव करते हैं और जीवन भर अपनी बहन की रक्षा करने की कसम खाता है. यही स्नेह व प्यार इस त्योहार की गरिमा को और बढ़ा देता है. रक्षा बंधन के पर्व पर अपने भाई को वैदिक विधि – वैदिक रक्षा सूत्र बांधे .
वैदिक रक्षा सूत्र वैदिक रक्षा सूत्र बनाने की विधि: – इसके लिए 5 वस्तुओं की आवश्यकता होती है
(1) दूर्वा (घास)
(2) अक्षत (चावल)
(3) केसर
(4) चन्दन
(5) सरसों के दाने .
इन 5 वस्तुओं को रेशम के कपड़े में लेकर उसे बांध दें या सिलाई कर दें, फिर उसे कलावा में पिरो दें, इस प्रकार वैदिक राखी तैयार हो जाएगी .
इन पांच वस्तुओं का महत्त्व –
(1) दूर्वा – जिस प्रकार दूर्वा का एक अंकुर बो देने पर तेज़ी से फैलता है और हज़ारों की संख्या में उग जाता है, उसी प्रकार मेरे भाई का वंश और उसमे सदगुणों का विकास तेज़ से हो . सदाचार, मन की पवित्रता तीव्रता से बदता जाए . दूर्वा गणेश जी को प्रिय है अर्थात हम जिसे राखी बाँध रहे हैं, उनके जीवन में विघ्नों का नाश हो जाए .
(2) अक्षत – हमारी गुरुदेव के प्रति श्रद्धा कभी क्षत-विक्षत ना हो सदा अक्षत रहे .
(3) केसर – केसर की प्रकृति तेज़ होती है अर्थात हम जिसे राखी बाँध रहे हैं, वह तेजस्वी हो . उनके जीवन में आध्यात्मिकता का तेज, भक्ति का तेज कभी कम ना हो .
(4) चन्दन – चन्दन की प्रकृति तेज होती है और यह सुगंध देता है . उसी प्रकार उनके जीवन में शीतलता बनी रहे, कभी मानसिक तनाव ना हो . साथ ही उनके जीवन में परोपकार, सदाचार और संयम की सुगंध फैलती रहे .
(5) सरसों के दाने – सरसों की प्रकृति तीक्ष्ण होती है अर्थात इससे यह संकेत मिलता है कि समाज के दुर्गुणों को, कंटकों को समाप्त करने में हम तीक्ष्ण बनें .
इस प्रकार इन पांच वस्तुओं से बनी हुई एक राखी को सर्वप्रथम भगवान -चित्र पर अर्पित करें . फिर बहनें अपने भाई को, माता अपने बच्चों को, दादी अपने पोते को शुभ संकल्प करके बांधे.
इस प्रकार इन पांच वस्तुओं से बनी हुई वैदिक राखी को शास्त्रोक्त नियमानुसार बांधते हैं हम पुत्र-पौत्र एवं बंधुजनों सहित वर्ष भर सुखी रहते हैं .
राखी बाँधते समय बहन यह मंत्र बोले –
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल: |
तेन त्वां अभिबन्धामि रक्षे मा चल मा चल ||
और चाकलेट ना खिलाकर भारतीय मिठाई या गुड से मुहं मीठा कराएँ.
15 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के दिन बहनों को अपने भाइयों को उनकी राशि अनुसार किस रंग की राखी बांधनी चाहिए.
मेष राशि: इस राशि के जातक के लिए शुभ रंग लाल और पीला होगा है. बहनों को लाल या पीले रंग का धागा भाई की कलाई में बांधनी चाहिए. इससे उनके जीवन में अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे.
वृष राशि: वृष राशि वालों के लिए लकी कलर सफेद और नीला होता है. भाइयों को इन रंगों की ही राखियां बांधें. ऐसा करने से उनके सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी.
मिथुन राशि: इस राशि के लोगों के लिए हरा और सफेद रंग भाग्यशाली होता है. इनके लिए हरे रंग की राखी अच्छी रहेगी. यह उनके लिए सफलता लाएगा.
कर्क राशि: इस राशि के जातकों का लकी कलर पीला, हरा और सफेद होता है. रक्षाबंधन के दिन बहनों को अपने भाइयों को इस रंग के धागे या राखी बांधनी चाहिए. इससे जीवन में सुख प्राप्त होगा.
सिंह राशि: इस राशि वालों का शुभ रंग गुलाबी, हरा और पीला है. ये रंग इन राशि वालों के उग्र स्वभाव को नियंत्रित करते हैं. ऐसे में बहनों को इन रंगों की राखियां बांधनी चाहिए.
कन्या राशि: ऐसे जातकों के लिए हरा, पीला और सफेद रंग सर्वोत्म रहता है. रक्षाबंधन पर इन रंगों का धागा बांधना अच्छा रहेगा. हरे रंग की राखी ग्रह दोष को दूर करेगा.
तुला राशि: इस राशि के लिए सफेद, हरा और नीला रंग भाग्यशाली होता है. इस राशि के लोगों के लिए सफेद और नीले रंग की राखी बहुत अच्छी रहेगी.
वृश्चिक राशि: लाल, पीला, नीला, गहरा लाल या मैरून रंग वृश्चिक राशि के जातकों के लिए प्रभावशाली होता है. बहनें इन रंगों की राखियां अपने भाइयों को बांधे तो उत्तम होगा.
धनु राशि: धनु राशि के लोगों के लिए हरा, लाल और पीला रंग लकी कलर होता है. इस बार रक्षाबंधन पर इस रंग का धागा या राखी बाधे.
मकर राशि: इस राशि के लोगों को सफेद, लाल और हल्का नीला या आसमानी रंग के राखी बांधा जाए तो उनके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा.
कुम्भ राशि: कुम्भ राशि के लोगों के लिए सफेद, लाल और नीला रंग शुभता का प्रतीक होता है. ऐसे जातकों को इन रंगों के धागे बांधें.
मीन राशि: पीला, सफेद और हरा मीन राशि के लोगों के व्यक्तित्व में निखार लाता है, उनके लिए शुभ होता है. बहनें उनको इन रंगों का धागा बांध सकती हैं.
राखी बांधने का मुहूर्त
इस त्योहार के दिन अपने भाई के हाथ में रक्षा सूत्र शुभ मुहूर्त में बांधें ताकि यह जन-जन्मांतरों तक आपका भाई-बहन का बंधन बना रहे और भाई आपकी रक्षा करता रहे.
चौघड़िया के अनुसार राखी बांधने का मुहूर्त :-
लाभ का चौघड़िया- सुबह 09.18 से 10.53 तक.
अमृत का चौघड़िया- सुबह 10.53 से दोपहर 12.29 तक.
शुभ का चौघड़िया- दोपहर 02.04 से 03.39 तक.
शुभ का चौघड़िया- शाम 06.49 से 08.14 तक.
अमृत का चौघड़िया- रात्रि 08.14 से 09.39 तक.
राखी बांधने का लग्नानुसार मुहूर्त :-
सिंह लग्न- सुबह 05.37 से 07.44 तक.
कन्या लग्न- सुबह 07.44 से 09.55 तक.
धनु लग्न- दोपहर 02.25 से 04.30 तक.
कुंभ लग्न- शाम 06.18 से 07.52 तक.
मेष लग्न- रात्रि 09.24 से 11.05 तक.
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12.03 से 12.54 तक
सौजन्य : पंडित अजय दुबे, उज्जैन