जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को न्याय देने के लिए केन्द्र सरकार का अभिनन्दन- जनसंघ
आरा, 5 अगस्त. जिस जम्मू कश्मीर को भारत का हिस्सा बनाने के लिए कोलकाता से जम्मू तक पैदल यात्रा जनसंघ के संस्थापक स्वर्गीय श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने की थी और जिस यात्रा के बाद वहां पहुंचते ही उन्हें नजरबंद कर दिया गया था. कहते हैं कि उस नजरबंद से छूटने के बाद कुछ ही दिनों बाद उनकी मौत भी हो गयी थी. आज उस जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के हटाने के ऐलान के साथ ही उनके सपने साकार हो गए. उनके सपने को साकार करने के लिए जनसंघ ने केंद्र सरकार को अभिनन्दन किया है. अखिल भारतीय जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य भारतभूषण पाण्डेय ने जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख के नागरिकों को न्याय देने के लिए केन्द्र सरकार का अभिनन्दन किया है.
उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद ३७०के भेदभाव और राष्ट्रघाती प्रावधानों तथा अनुच्छेद ३५अ के नागरिकता विभेदकारी उपबंधों को निरस्त करने के लिए भारत सरकार विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का जनसंघ हृदय से अभिनंदन करता है. आज से ६६वर्ष पूर्व जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने जो संघर्ष किया तथा श्रीनगर जेल में अपना बलिदान किया वह आज सार्थक होता दिख रहा है. जनसंघ संस्थापक प्रो. बलराज मधोक ने कश्मीर समस्या का जो समाधान सुझाया था और जनसंघ कार्यसमिति ने उसे पारित किया था उसकी भावना के अनुरूप दृढ़ कदम उठाने के लिए भारत सरकार बधाई की पात्र है. कश्मीर घाटी, जम्मू और लद्दाख के नागरिकों के लिए सही अर्थों में न्याय, विकास और लोकतंत्र का वातावरण आरंभ होगा. देशविरोधी विदेशी ताकतों के खेलने का अंत और राष्ट्रवादी शक्तियों के उत्थान के इस नये अध्याय पर जनसंघ संतोष व्यक्त करता है. पूरे देश की प्रसन्नता में जनसंघ शामिल है.
आरा से अपूर्वा की रिपोर्ट