“जीवन के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण आपको आगे ले जाता है. कोई भी बेहतरीन शिक्षण संस्थान आपमें यही सकारात्मकता उत्पन्न करने का उत्प्रेरक होता है. यदि आपने यह उत्प्रेरणा अर्जित कर ली, तो निश्चित जानिए, आपकी प्रगति का मार्ग कभी अवरुद्ध नहीं होगा.” ये बातें सोमवार को टी. पी. एस. कॉलेज के ‘सत्रारंभ सम्मलेन’ (INDUCTION MEET) में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रो. एच. के. सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में नए छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहीं. उन्होंने कहा– “भारतीय संस्कृति में गुरुकुल की जो महान परम्परा है, उसे नई चुनौतियों के साथ जोड़कर हम अपने देश में विश्व स्तर का बेहतरीन संस्थान बना सकते हैं, महाविद्यालय इसके लिए प्रथम प्रयोगशाला है!”
आरम्भ में स्वागत करते हुए स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र के प्रो. श्यामल किशोर ने छात्रों से नियमित कक्षाओं में उपस्थित रहने और अपनी समस्याओं को अपने शिक्षकों के साथ साझा करने पर जोर दिया. सत्रारम्भ-सम्मलेन को पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के संकायाध्यक्ष, छात्र कल्याण (DSW) प्रो. छोटेलाल ने भी संबोधित किया. वनस्पति विज्ञान विभाग की अध्यक्ष, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय की संयोजक, महाविद्यालय विकास समिति (CCDC) डॉ. तनुजा ने कहा कि यहाँ के शिक्षक हमारे संस्थान की धरोहर हैं, छात्र इसका लाभ उठाएँ. अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो. उपेन्द्र प्रसाद सिंह ने छात्रों से अपनी समस्याओं को खुलकर उनके सामने रखने की बात की और आश्वस्त किया कि महाविद्यालय-प्रशासन समस्याओं के निदान के लिए सदैव तत्पर है. सत्र का संचालन डॉ. जावेद अख्तर खां ने एवं धन्यवाद-ज्ञापन प्रो. रूपम ने किया. इस अवसर पर बड़ी संख्या में नए सत्र के छात्र-छात्राएं एवं शिक्षकगण उपस्थित थे, जिनमें प्रमुख हैं – डॉ. शशि भूषण चौधरी, डॉ. शिवनारायण राम, डॉ. अबू बकर, प्रो. नूरी, प्रो. देवारती घोष आदि.