कोइलवर/भोजपुर (आमोद कुमार) . गीधा औधोगिक क्षेत्र में कार्यरत औधोगिक फैक्ट्रियों द्वारा प्रदूषण फैलाए जाने के मामले में स्थानीय विधायक द्वारा विधानसभा में उठाए. प्रश्न के आलोक में आज बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व बिहार इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी ने भूमि सुधार उप समाहर्ता मुकेश कुमार के नेतृत्व में कोइलवर के गीधा औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्रियों का निरीक्षण किया. टीम ने औधोगिक क्षेत्र के विष्णु विशाल पेपर मिल राइस मिलों, इंडियन ऑयल व हिंदुस्तान पेट्रोलियम प्लांट का जायज़ा लिया. टीम में शामिल अधिकारियों ने अलग अलग बिंदुओ पर पूछताछ भी की. इस दौरान शिकायतकर्ता के तौर पर स्थानीय लोगों की भी मौजूदगी रही जो इलाके में कंपनियों द्वारा फैलाए जा रहे जल, वायु व ध्वनि प्रदूषण के मामले पर आपत्ति जताई. ग्रामीणों ने आरोप लगाते कहा कि फैक्ट्रियों से निकल रहे अवशिष्ट जानलेवा है जो इलाके के लोगों को मौत की ओर धकेल रहा है. औधोगिक क्षेत्र के फैक्ट्रियों से निकल रहे अवशिष्ट औधोगिक क्षेत्र के आसपास के इलाकों के लिए परेशानी का कारण बना है. जिससे लोगो का जीना मुहाल हो गया है. आलम यह है कि स्थानीय लोग आंख, पेट, सीने की बीमारी समेत कई गम्भीर बीमारियों की जद में आ गए हैं.कई लोग सीने में जलन, किडनी, फेफड़े समेत आंख की गम्भीर बीमारियों की वजह से अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं.
पेपर मिल पर सबसे ज्यादा आरोप है
स्थानीय लोगो की माने तो औधोगिक क्षेत्र के पश्चिम भाग में स्थित विष्णु विशाल पेपर मिल लोगो को मौत के मुंह मे धकेलने पर आमादा हैं. जिला प्रशासन से कई बार शिकायत करने के बाद भी आज तक कोई स्थायी समाधान नही निकल पाया. पेपर मिल से निकल रहे गंदे पानी बड़े तालाब का रूप ले लिया है जिसके पानी को पीकर खुले में घास चरने आएजानवर असमय काल के गाल में समा जाते हैं तो वहीं इस फैक्ट्री के चिमनी से निकल रहा धुआं लोगो के सांस की तकलीफ बढ़ गई है और फैक्ट्री द्वारा सड़क के किनारे बेतरतीब फेंके गए धूलकण राहगीरों की आंखों को प्रभावित कर रहे हैं.
हालाांकि फैक्टरी प्रबन्धक ने बताया कि फैक्टरी का संचालन नियमों के अनुसार चल रहा है.