पटना (ब्यूरो रिपोर्ट) | बृहस्पतिवार 18 जुलाई को नियोजित शिक्षकों द्वारा अपनी 13 सूत्री मांगों को लेकर पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर प्रदर्शन किया गया. सुबह से ही नियोजित शिक्षक एकजुट हो रहे थे. हजारों की संख्या मे जुटे शिक्षकों ने लगभग 12 बजे अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करना शुरू किया. गर्दनीबाग धरना स्थल होते हुए सैकड़ों शिक्षक हाथ में बैनर लिये विधानसभा की ओर बढ़ने लगे. सुरक्षा कर्मियों द्वारा धरना स्थल के मुख्य गेट पर प्रदर्शनकारी शिक्षकों को रोकने की कोशिश की गई. इस पर शिक्षकों ने मुख्य गेट को तोड़ने का प्रयास किया. इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारी शिक्षक और शिक्षिकाओं पर पानी का छिड़काव करना शुरू किया. इधर कुछ शिक्षकों की पुलिस के साथ झड़प हो गई. शिक्षक जोर-जोर से नारेबाजी भी कर रहें थे. पुलिस एवं शिक्षकों में पत्थरबाजी भी होने लगी. इस पर पुलिस ने उग्र शिक्षकों पर आंसू गैस छोड़ दिया जिससे कुछ शिक्षक तितर बितर हुए. फिर भी शिक्षकों का एक ग्रुप गेट तोड़ने की कोशिश में जुटा रहा. इसके बाद पुलिस ने मुख्य गेट खोला और लाठीचार्ज शुरू किया. लाठीचार्ज से लगभग 50 शिक्षक घायल हो गये.
इधर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सह विधान पार्षद केदार नाथ पांडेय ने राज्य के नियोजित शिक्षकों पर पटना में पुलिस द्वारा किये गए हमले की कड़ी निंदा की है. केदार पाण्डे के साथ संघ के महासचिव सह पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह और मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता अभिषेक कुमार भी थे. इन सबों कहा कि नियोजित शिक्षकों द्वारा अपनी जायज मांगों को लेकर लोकतांत्रिक ढ़ग से किये जा रहे शांतिपूर्वक धरना कार्यक्रम पर अपनी पुलिसकर्मियों के माध्यम से लाठी चार्ज, आंसू गैस के गोले, वाटर कैनन आदि से जानलेवा हमला करा कर राज्य सरकार उनकी आवाज को दबाना और कुचलना चाहती है जो कहीं से भी जायज व न्योचित नहीं है. इन सबों ने कहा कि अपने को सामाजिक न्याय के अगुआ तथा न्याय के साथ विकास का नारा देने वाली बिहार की सरकार गरीब-गुरबों, शोषित, दलितों, वंचितों आदि के उत्थान की बात कहती है तथा उन्हीं के बच्चों को पढ़ाने वाले इन शिक्षकों के जायज मांगों को अपने दमनकारी हथकंडों से वंचित करना चाहती है. बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने मांग की है कि राज्य सरकार अविलंब नियोजित शिक्षकों की मांगों को पूरा करे और राज्य में बेहतर शैक्षिक माहौल कायम करे.
शिक्षा मंत्री को इसकी जानकारी नहीं
विधान परिसर में नियोजित प्रदर्शनकारी शिक्षकों परं पुलिस द्वारा किये गए हमले के बारे में जब मीडियाकर्मियों ने शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा से पूछा तो उनका कहना था कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है.
शिक्षा मंत्री बुजुर्ग हो गए हैं, दिखाई सुनाई कम पड़ता है – नवल किशोर यादव
उधर विधान पार्षद दिलीप चौधरी व नवल किशोर यादव ने मंत्री के इस वक्तव्य पर आश्चर्य प्रकट किया. नवल किशोर ने कहा कि शिक्षा मंत्री बुजुर्ग हो गए हैं, उनको आँख से कम दिखाई देता है और कान से कम सुनाई देता है. उनके अनुसार, सरकार द्वारा शिक्षकों को डिस्टर्ब करने का मतलब शिक्षा को डिस्टर्ब करना है. वही पार्षद दिलीप चौधरी ने कहा कि पुलिस ने अनावश्यक रूप से नियोजित शिक्षकों पर लाठी चार्ज किया है और पानी का छिड़काव किया. उन्होंने मांग किया कि इस मामले में दोषी अधिकारियों पर कार्यवाई की जाए. उन्होंने शिक्षा मंत्री से मांग की कि वे शिक्षकों के प्रतिनिधियों को बुलाकर उनके मांगों पर वार्तालाप करे. देखिए वीडियो, किसने क्या कहा …