आरा,9जुलाई. कल यानि बुधवार, 10 जुलाई को ‘भोजपुरी के शेक्सपियर’ कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर की पुण्यतिथि मनाई जायेगी. पर ‘भोजपुरी के शेक्सपियर’ की उपेक्षा का सबसे बड़ा उदाहरण अभी हाल में भोजपुर जिले में ही प्रकाश में आया. आरा शहर के सरदार पटेल बस पड़ाव पर भिखारी ठाकुर की प्रतिमा लगी है, साथ ही एक स्टेज और उससे लगे एक भोजपुरी पुस्तकालय का भवन भी है. इस पूरे स्मारक स्थल का देख-रेख भोजपुरी सामाजिक अध्ययन एवं शोध संस्थान के जिम्मे है.
‘आखर’ ने शुरू की मुहिम
अभी हाल में कुछ मीडिया चैनलों पर न्यूज़ आई कि स्मारक पूरी तरह से गंदगी में समाया हुआ है और दुर्गन्ध व्याप्त है. देखते ही देखते सोशल मीडिया में यह न्यूज़ वायरल हो गई. इस न्यूज़ को पढने के बाद भोजपुरी को समर्पित संस्था ‘आखर’ के सदस्य सक्रिय हुए और राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त युवा फिल्मकार नितिन चंद्रा के नेतृत्व में ‘आखर’ सदस्यों का समूह अगली सुबह साफ़-सफाई एवं श्रमदान के लिए जुट गया. सफाई टीम में ‘आखर’ सदस्य मनोज दूबे, संजीव सिन्हा, अभिषेक प्रीतम, ओम प्रकाश पाण्डेय, रवि प्रकाश सूरज आदि शामिल थे. मौके पर भिखारी ठाकुर संस्थान के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह भी सहयोग दे रहे थे. गंदगी का कारण पूछने पर वो कहते हैं “यह पब्लिक प्लेस है और गेट खुला रहता है साथ ही आसपास के दुकान वाले भी कूड़ा फेंकते रहते है”. श्रमदान कर रहे युवकों में अपने भोजपुरी नायक के प्रति श्रद्धा और गज़ब का उत्साह था. सबसे पहले झाड़ू लगाकर कूड़ा फेंका गया फिर बाद में स्थल को अच्छे से ढोया गया और मंच पर भी सफाई की गई.
थोड़ी ही देर में अन्य रंगकर्मी युवा रतन देवा, किशन, चैतन्य. ऋषि भी मौके पर पहुँच गये और श्रमदान में योगदान किया. स्मारक की सफाई के बाद भिखारी ठाकुर और प्रसिद्द पखावज वादक शत्रुंजय प्रसाद सिंह की प्रतिमा को साफ़ कर उस पर नया रंग चढ़ाया गया. बाद में स्मारक स्थल की दीवार, गेट पर भी रंग-रोगन किया गया. इसमें सभी सदस्यों के साथ आसपास के अन्य लोगों ने भी हाथ बंटाया.
‘मातृभूमि और मातृभाषा के प्रति जगाना होगा स्वाभिमान’
कुल 5 घंटे के स्वच्छता अभियान के बाद भिखारी ठाकुर और शत्रुंजय बाबु की प्रतिमा पर नितिन चंद्रा, स्मारक के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह, समाजसेवी प्रो दिनेश प्रसाद सिन्हा तथा अन्य आखर सदस्यों ने माल्यार्पण किया.
बाद में मीडिया से बात करते हुए नितिन चंद्रा ने कहा कि अपने नायकों की ऐसी उपेक्षा दुखद है और हम सबको अपनी मातृभाषा के प्रति स्वाभिमान का बोध होना चाहिए. उन्होंने उदाहरण दिया कि वही देश और राज्य आज विकसित हैं जिन्होंने अपनी मातृभाषा को सम्मान दिया है. स्वच्छता अभियान का पॉजिटिव रिस्पांस यह रहा कि आसपास के दुकानदारों और आम जनता ने स्मारक स्थल को साफ़ रखे जाने का संकल्प लिया.
इसी स्मारक स्थल पर आने वाली 10 जुलाई को भिखारी ठाकुर की पुण्यतिथि मनाई जायेगी और उस दिन यह संकल्प लेने की जरुरत है कि लोग मातृभाषा के प्रति और मातृभूमि के नायकों के प्रति जागरूक हों और स्वाभिमान का बोध अपने अन्दर लायें.
आरा से ओ पी पाण्डेय के साथ रवि प्रकाश सूरज की रिपोर्ट