कोइलवर/भोजपुर (आमोद कुमार की रिपोर्ट) | जाम के नाम आते ही बड़े व छोटे वाहनों में सवार यात्रियों व लोगो के जेहन में कोईलवर पुल याद आता था. लेकिन अब कोईलवर के चारो तरफ हर हाइवे व लिंक रोड पर जाम का आलम इस कदर है की 36 से 40 घंटे तक वाहन एक ही जगह पर खड़े रहते है. जिससे लगभग 5 हजार ट्रके रोजाना फंसती रहती है. जिसमे फंसे यात्रियों का हाल बुरा हो जाता है. जाम के कारण निजी स्कूल के दर्जनों बस जहाँ तहाँ फंसी रहती है. जिसके कारण बच्चे सही समय से स्कूल नही पहुँच रहे है. तो दूसरी ओर चार बजते ही स्कूल प्रबंधन के फोन पर घण्टिया बजनी शुरू हो जाती है कि फला नंबर की बस कब चली है. उनका बच्चा अभी घर नही पहुँचा है. वही आरा से पटना जाने वाले एम्बुलेंस में सवार मरीजो के अटेंडेंट की सांस अटकी रहती है की कही वह धरहरा, कायमनगर, सकडडी, कोईलवर या पटना जिला के परेव व बिहटा में फंस ना जाये. क्योकि की आरा से पटना जाने में एम्बुलेंस को जहाँ डेढ़ घंटा लगता था. अब जाम के कारण तीन से चार घंटे से ज्यादा समय लग जाता है. लेकिन इससे किसी प्रशासनिक पदाधिकारियो को कोई फर्क नही पड़ता. क्योकि वीआईपी मूवमेंट में बड़े अधिकारी या नेता, मंत्री, विधायक या अन्य डेलिगेशन के आने की सूचना बिहटा, कोईलवर थाना को पहले ही दे दी जाती है. जिससे पुलिस के जवानों को नेशनल हाइवे में पड़ने वाले हर चौक चौराहे व जाम वाले सड़क को खाली करा लिया जाता है. जिससे वीवीआइपी आरा से पटना की दूरी डेढ़ घंटे में तय कर लेते है. जिससे उन्हें लगता है सब कुछ स्मूथ चल रहा है.
क्यो लगता है जाम – आरा से छपरा की ओर जाने वाली वाहनों के नोइंट्री होने के कारण आरा से डोरीगंज(छपरा) तक एक लेन में ट्रक खड़ी रहती है. वाहनों का यह काफिला नेशनल हाईवे 30 पर कोईलवर से आरा तक लगा रहता है. वही छोटी वाहन या तेल टैंकर, गैस सिलेंडर वाली ट्रक ओवरटेक कर निकलते है. जिस कारण दूसरी तरफ से आने वाली वाहन फंस जाती है. युक्त पथ पर जल्दी निकलने की होड़ में बालू लदे ट्रैक्टर व छोटी वाहन बेतरतीब ढंग से सड़क पर खड़े हो जाते है. वही उतर बिहार से रोजाना हजारो ट्रक बालू लोड करने कोईलवर, संदेश, सहार व पटना जिले के बालू खदानों तक पहुँचते है. जिस कारण एक ट्रक को छपरा से संदेश बालू खदान जाने में तीन से चार दिन तक छपरा-आरा फोरलेन सड़क, कोईलवर-चांदी-सकडडी पथ व सकडडी-नासरीगंज स्टेट हाइवे पर फसी रहती है. जाम का आलम ऐसा है कि एक लेन में ट्रक की लंबी लाइन व बालू लोड करने जाने वाले ट्रैक्टरों के ओवरलोड के कारण स्कूली व यात्री वाहन घण्टो फसे रहते है. लेकिन इसका असर प्रशासन पर नही पड़ता है।
वनवे में पुलिस को खुश कर बेधड़क दौड़ते है ट्रैक्टर – जाम का मुख्य कारण है बालू खदानों तक ट्रक व ट्रैक्टर है. प्रतिदिन हजारों की संख्या में ट्रैक्टर व ट्रक आरा-छपरा फोरलेन, आरा-पटना नेशनल हाइवे होते कोईलवर, चांदी, संदेश, सहार थाना क्षेत्र के बालू खदानों तक पहुँचते है. बालू लोड करने जाने वाले ट्रैक्टरों को किसी का ना ख़ौफ़ है ना ही यातायात नियमो की जानकारी है. वनवे में पुलिस को खुश कर बेधड़क दौड़ते रहते है. जिनमे किसी ट्रैक्टर चालक के पास कोई ड्राइविंग लाइसेंस, दुरुस्त पेपर नही होते है. उपर से ट्रैक्टर चालक भी नाबालिग होते है. लेकिन इससे पुलिस प्रशासन को कोई मतलब नही और यह थाने के सामने से तेज रफ्तार से गुजरते है.
कहाँ कहाँ है जाम – आरा-पटना राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर कोईलवर से आरा तक, आरा-छपरा हाइवे पर कोईलवर से डोरीगंज तक, सकडडी-नासरीगंज स्टेट हाइवे पर सकडडी से सहार तक, कोईलवर-चांदी-सकडडी पथ अक्सर जाम रहता है. वही कोईलवर पुल के पूर्वी मुहाने से लेकर परेव, लेखनटोला से लेकर बिहटा तक सैकड़ो वाहन जहाँ तहाँ खड़ी रहती है. कोईलवर, सकडडी, चांदी व कायमनगर में जाम को लेकर आम लोग से लेकर व्यापारी लोग कराह रहे है. प्रखंड के व्यवसायी समेत दर्जनों दुकानदारों व बुद्धिजीवियों ने बताया कि जाम से उधोग धंधे चौपट हो रहे है. लेकिन जिला प्रशासन को इसकी कोई फिक्र नही है.