200 वर्ष पूर्व हुई थी होम्योपैथी की खोज
डॉ. हैनिमैन जैसे महापुरुष दुनिया में विरले ही पैदा लेते हैं – डॉ प्रभात
पटना/फुलवारीशरीफ (अजीत कुमार) | बुधवार को पटना एम्स में होमियोपैथी चिकित्सा विज्ञान के जनक डॉ. सेमुअल क्रिश्चियन क्रेडरिक हैनीमैन का 264 वां जन्मदिन चिकित्सकों और एम्स के फैकल्टीज, पदाधिकारियों ने मनाया. इस कार्यक्रम का आयोजन एम्स के होमियोपैथी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ वी के सिंह की अध्यक्षता में किया गया. एम्स में निदेशक डॉ पी के सिंह ने कहा की होमियोपैथी के जनक डॉ. सेमुअल क्रिश्चियन क्रेडरिक हैनीमैन जो चिकित्सा पद्धति पैदा किया वो आज भी चिकित्सा विज्ञान के नई नयी तकनीको से काफी बेहतर रहा है. गंभीर से गंभीर और एलोपैथ में लाईलाज रहे बीमारियों और अन्य शारीरिक रोगों का इलाज सफलतापूर्वक होमियोपैथ पद्धति में मौजूद है. जरुरत है मरीजो को होमियोपैथ की दवा और उसके साथ परहेज के बारे में जागरूक होने की. डॉ. सेमुअल फ्रेंडिक हैनीमैन का जन्म 10 अप्रैल सन् 1755 में हुआ था. उन्होंने 1796 में विश्व को एक नई चिकित्सा पद्धति से रुबरू करवाया जिसका नाम होम्योपैथिक था. तब से लेकर अब तक होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति का अपना विशेष महत्व रहा है. उसके बाद से चिकित्सा की इस पद्धति की प्रासंगिकता बरकरार है. डॉ. हैनिमैन जैसे महापुरुष दुनिया में विरले ही पैदा लेते हैं। होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति खोज के लिए दुनिया उनकी ऋणी है.
डॉ वी के सिंह, विभागाध्यक्ष होमियोपैथ विभाग पटना एम्स ने क्योर एवं रिकवरी को होम्योपैथ के शब्दों में परिभाषित किया. उन्होंने बताया कि बाहरी लक्षणों का रोगी में समाप्त हो जाना क्योर नहीं कहलाता है. रोग का समूल नाश ही होम्योपैथी का एक मात्र उद्देश्य है. इस चिकित्सा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है. डॉ. हैनीमैन की इजाद की गई इस चिकित्सा पद्धति से आज विश्वभर में करोड़ों लोग लाभान्वित हो रहे हैं. कार्यक्रम में मौजूद एम्स अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ सीएम सिंह समेत अन्य चिकित्सकों, फैकल्टीज, पदाधिकारियों ने डॉ. हेनिमन के चित्र पर पुष्प अर्पित उन्हें याद किया.