पटना (ब्यूरो रिपोर्ट) 26 फरवरी | “एनडीए सरकार ने वर्ष 2005-06 से लेकर 2019-20 तक लगभग 90 हजार करोड़ रुपये उर्जा प्रक्षेत्र पर खर्च किया है. साथ ही वर्ष 2013-14 से अब तक 25 हजार करोड़ रुपये उपभोक्ताओं को बिजली अनुदान के तौर पर दिया गया है“. ये बात मंगलवार को उर्जा विभाग की 1006.95 करोड़ की योजनाओं के कार्यारंभ व उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कही .
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने दूरदर्शिता का परिचय देते हुए बरौनी, कांटी व नवीनगर पॉवर प्लांट को एनटीपीसी को सुपुर्द किया जिससे बिहार को लगभग 875 करोड़ की बचत हुई. आज घर-घर को बिजली से रौशन कर अंधेरे युग के अध्याय को समाप्त कर बिहार देश के आठवें राज्य में शुमार हो गया है. नीति आयोग द्वारा वर्ष 2018 के लिए ससटेनेबल डेवलपमेंट गोल इंडिया इंडेक्स में बिहार को बिजली उपलब्धता के मामलों में फ्रंट रनर राज्यों में शामिल करते हुए छठे स्थान पर रखा गया है. बिहार सरकार ने बंटवारे के बाद झारखंड के साथ तेनुघाट बिजली निगम लिमिटेड के विवाद का समाधान समझौता के जरिए कर लिया है. अब स्टेज-2 में वहां से उत्पादित 40 प्रतिशत बिजली झारखंड की दर पर ही बिहार को भी मिलेगी.