श्रीनगर / नई दिल्ली / पटना (ब्यूरो रिपोर्ट) |श्रीनगर की चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत ने पीडीपी के वरिष्ठ नेता नईम अख्तर द्वारा दाखिल आपराधिक मानहानि के मामले की सुनवाई के बाद शनिवार 23 फरवरी को रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अरनब गोस्वामी और तीन अन्य लोगों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कर दिया.
ज्ञातव्य है अख्तर ने इस मामले में 16 नवंबर 2018 को कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की थी जिसमें अख्तर ने आरोप लगाया था कि अरनब गोस्वामी व अन्य लोगों ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के झूठे व निराधार आरोप लगाए हैं. अख्तर ने अरनब गोस्वामी औऱ अन्य लोगों पर उनके खिलाफ निंदनीय कंटेंट प्रसारित करने के भी आरोप लगाए थे.

बताया जाता है कि अदालत ने इससे पहले 27 दिसंबर को अरनब गोस्वामी के साथ ही रिपब्लिक टीवी में श्रीनगर की विशेष संवाददाता जीनत ज़िशान फ़ाज़िल, सीनियर एसोसिएट एडिटर आदित्य राज कौल और एंकर सकल भट्ट को कोर्ट के समक्ष पेश होने के आदेश दिए थे. शनिवार को अरनव के अधिवक्ता इरशाद अहमद ने कोर्ट को बताया कि पुलवामा में हुए आंतकी हमले के बाद कश्मीर घाटी के बिगड़े हालातों के मद्देनजर गोस्वामी, कौल और भट्ट निजी तौर पर पेश होकर समन का जवाब नहीं दे सकते हैं. इसके अलावा कुछ कारणों से फाज़िल का भी कोर्ट के सामने पेश होना मुश्किल है. इन्हीं उन्होंने आरोपियों को निजी तौर पर कोर्ट में पेश होने से छूट देने की मांग की. इस पर चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत ने कहा कि आरोपियों को कोर्ट के सामने पेश होकर अपने सिक्योरिटी बॉन्ड जमा करवाने थे. अदालत ने यह भी कहा, ‘रिकॉर्ड से पता चलता है कि इस दौरान आरोपी अपनी पत्रकारीय जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे थे. इसके अलावा घाटी में इन हालातों में भी पत्रकार लगातार रिपोर्टिंग कर रहे हैं. इसलिए बचाव पक्ष द्वारा अपनी याचिका में पेश किए गए कारण उचित प्रतीत नहीं होते हैं.’ इसी आधार पर न्यायालय ने बचाव पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया.
बचाव पक्ष की याचिका को ख़ारिज करने के बाद अदालत ने अरनब गोस्वामी और तीन अन्य आरोपियों के खिलाफ गैरजमानता वारंट जारी करने के आदेश दिए. कोर्ट ने तीनों आरोपियों को 23 मार्च को कोर्ट में पेश करने के लिए संबंधित वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भी आदेश जारी किए.




By Nikhil

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