पटना (ब्यूरो रिपोर्ट) | बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि इंदिरा गांधी विज्ञान संस्थान में क्यू लेसिक मशीन लगाने की प्रक्रिया शुरु होगी. संबंध में उन्होंने संस्थान के निदेशक आर एन विश्वास और प्रशासन को इस संबंध में प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर देने को कहा है. सरकार इसके लिए जो भी खर्च होगा उसको वहन करने को तैयार है. पांडेय ने आज पटना स्थित वेदांता नेत्र विज्ञान केंद्र में अत्याधुनिक क्यू लेसिक मशीन के अनावरण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर अपने संबोधन में यह बात कही.
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने आगे कहा कि “चिकित्सा क्षेत्र में विकास से मुझे बहुत खुशी होती है चाहे सरकारी क्षेत्र में हो या निजी क्षेत्र में. आंख की समस्या बिहार के 12 करोड जनसंख्या के 80 प्रतिशत लोगों को है जिसमें बच्चे,बूढ़े और महिलाएं सभी शामिल है. क्यू लेसिक मशीन चश्मा और कॉन्टैक्ट लेंस उतारने की दिशा में विकसित देशों में मील का पत्थर साबित हो रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना है कि देश विदेश की सबसे अत्याधुनिक तकनिक हम बिहार में लाए और लोगों की सेवा करें. इसलिए आज मैंने इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान स्थान के प्रशासन से इस संबंध में शीघ्र पहल करने को रहा है. सभी को बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए पांडेय ने कार्यक्रम में उपस्थित चिकित्सकों से कहा कि वह इलाज करते समय दिमाग के साथ दिल की आवाज भी सुनें और कुछ गरीब लोगों का निशुल्क इलाज करने पर हमेशा ध्यान दें.”
पांडेय आज वेदांता नेत्र चिकित्सक केंद्र में अत्याधुनिक क्यू लेसिक मशीन का आवरण कर रहे थे जो आंखो का चश्मा हटाने के लिए विश्व की तीव्रतम मशीन है. यह मशीन 500 Hz फ्रीक्वेंसी पर काम करती है जिससे 1.0 D का नंबर हटाने में सिर्फ 12-13 सेकंड लगता है और यह FDA एप्रूव्ड है. 18 साल के ऊपर के लोग जिनके आंखों का नंबर स्टेबल है उनका इलाज इस मशीन द्वारा किया जा सकता है जो कि एकदम सुरक्षित और जीवन पर्यंत है.
ये अनावरण कार्यक्रम में पांडेय के अलावा वेदांता नेत्रालय के निदेशक डॉ नवनीत कुमार, इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक एन आर विश्वास, IMA के डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह, पूर्व मंत्री राम लखन राम रमन, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के नेटवर्किंग कमेटी के अध्यक्ष व भाजपा नेता मनीष तिवारी, भाजपा नेता वेदप्रकाश त्रिपाठी सहित अनेक प्रख्यात नेत्र चिकित्सक तथा अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे. संस्थान के निदेशक डॉ नवनीत कुमार ने रहा कि “वेदांता नेत्रालय की स्थापना के पीछे हमारा मुख्य उद्देश उच्च कोटि की चिकित्सा प्रदान करना और विहार की प्रतिभा का पलायन रोकना और उन्हें पुनः वापस बिहार आने को प्रेरित करना है. हमारा लक्ष्य नेत्र कोष और नेत्र प्रत्यारोपण की सुवधा भी आगे बहाल करने की है जिससे बिहार वासियों का आंखों से संबंधित किसी भी बीमारी के लिए बिहार के बाहर जाने की जरुरत ना पड़े. हम तमाम सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के साथ करार रहे हैं और कई के साथ चुके हैं जिससे मरीजों को कैशलेस सुविधा प्रदान किया जा सके.
कार्यक्रम का मंच संचालन बी आई ए के मनीष तिवारी ने और धन्यवाद ज्ञापन डॉ नीतू सिंघल ने किया.