नई दिल्ली (ब्यूरो रिपोर्ट) | हम सभी जानते हैं कि दूध का पीना सेहत के लिए बहुत ही अच्छा होता है. हमारे देश में दूध को सेहत का पर्याय माना जाता है. लेकिन आज बाजार में उपलब्ध दूध मिलावट से भरपूर है जो इसे पीने वालों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकता है. इस बात की जानकारी हाल ही में विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) की तरफ से जारी एडवाइजरी में दी गई. इस एडवाइजरी में WHO ने कहा है कि भारत में मिलने वाले दूध में मिलावट है, जिससे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का ख़तरा हो सकती है.
87 प्रतिशत भारतीयों को हो जाएगा कैंसर साल 2025 तक
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दूध में मिलावट के खिलाफ हाल में भारत सरकार के लिए एडवायजरी जारी कर चेतावनी दी है कि अगर मिलावट पर तत्काल रोक नहीं लगाया गया तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. WHO ने कहा कि अगर दूध और दूध से बने प्रोडक्ट में मिलावट पर लगाम नहीं लगाई गई तो देश की करीब 87 % आबादी 2025 तक कैंसर जैसी खतरनाक और जानलेवा बीमारी का शिकार हो सकती है.

दूध में डिटर्जेंट की मिलावट बहुत गंभीर
दूध में डिटर्जेंट की सीधे तौर पर मिलावट पाई गई है. यह मिलावट सीधे तौर पर लोगों की सेहत के लिए खतरा है. इसके चलते उपभोक्ताओं के शारीरिक अंग काम करना बंद कर सकते हैं और कैंसर, लीवर खराब होना जैसी कई गंभीर बीमारी को जन्म देती है.
FSSAI की तय मानकों से मेल नहीं
एनीमल वेलफेयर बोर्ड के सदस्य मोहन सिंह अहलूवालिया ने कहा देश में बिकने वाला 68.7 फीसदी दूध और दूध से बना प्रोडक्ट मिलावटी है. यह फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) की ओर से तय मानकों से कहीं भी मेल नहीं खाता है.




आश्चर्य – 14 करोड़ लीटर उत्पादन के बदले खपत 64 करोड़ लीटर कैसे
साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री के एक बयान के हवाले से अहलूवालिया ने कहा कि मिलावट वाले करीब 89% उत्पाद में एक या दो तरह की मिलावट होती है, उत्पादन 14 करोड़ लीटर लेकिन खपत 64 करोड़ लीटर है. उन्होंने बताया कि 31 मार्च 2018 देश में दूध का कुल उत्पादन 14.68 करोड़ लीटर प्रतिदिन का रिकॉर्ड किया गया, जबकि देश में दूध की प्रति व्यक्ति खपत 480 ग्राम प्रति दिन है. तो इससे साफ तौर पर करीब 68% का गैप आता जिसे मिलावट से पूरा किया जाता है.

By Nikhil

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