पटना (ब्यूरो रिपोर्ट) | ट्रेजरी लॉक के कारण राज्य के माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत नियोजित शिक्षकों का वेतन का मामला लटका हुआ था. अब जब ट्रेजरी लॉक खुला तो वेतन आवंटन की समस्या आ ख ड़ी हुए है. वेतन के अटक जाने का यही हाल राज्य के नियमित एवं व्यावसायिक शिक्षकों का भी है.
नियोजित शिक्षक संघ के प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी अभिषेक कुमार ने बताया कि नवंबर माह से ही वेतन की आस के लिए टकटकी लगाये बैठे राज्य के जिला परिषद एवं नगर परिषद के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक अब आस लगाये बैठे थे कि उन्हें तीन महीने से वकाये वेतन उनके खाते में आ जायेगा मगर अधिकांश जिलों में एक माह की वेतन की राशि जिलों को उपलब्ध है जबकि अभी इस वित्तीय वर्ष में फरवरी माह तक का वेतन इन्हें मिलना है.
नियमित शिक्षकों के लिए जिलों से जो राशि विभाग से मांगी गई थी उससे आधी या उससे कम राशि इन शिक्षकों के वेतन के मद में उपलब्ध कराई गई. इस बीच सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर विभाग द्वारा गणित व जीवविज्ञान शिक्षकों को विद्यालयों में पदस्थापित किया गया. साथ ही साथ शिक्षकों को प्रवर वेतनमान का लाभ तथा तृतीय व चतुर्थ वर्गीय कर्मियों को भी एसीपी का लाभ विभाग द्वारा दिया गया. इन सबों को विभाग द्वारा आवंटित वेतन मद की राशि से ही इन सब लाभों की राशि दी गई. अब इनके लिए भी वेतन की समस्या आन पड़ी है.
उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक सबसे मुश्किल में हैं जिन्हें छह से आठ माह तक वेतन नहीं मिला है. केंद्र से इनके वेतन की राशि प्राप्त नहीं हुई. बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के कड़े विरोध के बाद राज्य सरकार ने अपनी रक्षित राशि से इन्हें सितंबर माह में मई,जून के वेतन की राशि जारी होने के बावजूद इन्हें अबतक इन्हें वेतन नहीं मिला है. अतिथि शिक्षकों ने छह से आठ माह पहले ही योगदान दे दिया, मगर उन्हें अभी तक मानदेय नहीं मिला है.