पटना में अब मछली बेचने पर प्रतिबंध
सरकार ने 15 दिनों के लिए लगाया बैन
उल्लंघन पर 7 साल कैद और 10 लाख जुर्माना
स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार ने की घोषणा
बाहर की मछलियों में पाया गया मनुष्य के लिए खतरनाक रसायन फार्मालीन
आंध्र और पश्चिम बंगाल से आने वाली मछलियों में पाया गया है
पटना (राजेश तिवारी की रिपोर्ट) | पटना नगर निगम के क्षेत्रों में अब पंद्रह दिनों तक मछली नहीं दिखेगी. बिहार सरकार ने इस पर रोक लगा दी है. राजधानी की सड़कों के कोने पर बिकने वाली मछली पर रोक लगा दी गई है. स्वास्थ्य विभाग के सचिव ने सोमवार को एक प्रेसवार्ता में ये जानकारी दी कि पटना नगर निगम क्षेत्र में आंध्र और बंगाल से आने वाली मछलियों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है.
यह रोक अभी पटना नगर निगम क्षेत्र में रहेगी. इसके साथ ही मछली का भंडारण और ट्रांसपोर्टेशन पर भी रोक लगायी गयी है. यदि आज से पटना नगर निगम क्षेत्र में कोई मछली की बिक्री करते पकड़ा जाता है तो उसे 7 साल की सजा और 10 लाख का फाइन हो सकता है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिया है तथा पटना के डीएम को मछली पर रोक का जिम्मा दिया गया है.
प्रधान सचिव ने बताया कि आंध्र प्रदेश और बंगाल सहित बिहार की कुछ मछलियों के नमूनों की जांच की गयी जिसका रिपोर्ट यह बताता है कि मछली खाने योग्य नहीं है. क्योंकि 10 सैंपल की जांच में मछलियों में हैवी मेटल पाया गया है. जबकि, 7 सैंपल में फॉर्मलीन की पुष्टि हुई है. सचिव ने कहा कि मछली का सैंपल पटना नगर निगम क्षेत्र से लिया गया था और इसी कारण अभी पटना में ही मछली बिक्री पर रोक लगायी गयी है. स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि पूरे बिहार से सैंपल लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि 15 दिनों के बाद स्वास्थ्य विभाग आगे का निर्णय लेगी.
ज्ञातव्य है बिहार सरकार के पशुपालन विभाग ने आंध प्रदेश और पश्चिम बंगाल की मछलियों का कोलकाता की लैब में जांच कराया था। जांच में मछलियों में हानिकारक फॉर्मेलिन पाया गया था। इन मछलियों के खाने से कैंसर की बीमारी होने का खतरा है। जांच की रिपोर्ट मिलने के बाद पशुपालन विभाग ने स्वास्थ्य विभाग को इन मछलियों की बिक्री पर रोक लगाने की अनुशंसा की थी। जिसपर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग ने रोक लगा दी है.
जैसा कि विज्ञान कहता है कि मछलियों को ताजा रखने के लिए कारोबारी फॉर्मेलिन व अन्य रसायनों का लेप लगाया जाता है. यह लेप आमतौर पर मछली या डेड बॉडी को सुरक्षित रखने के लिए लगाया जाता है. इसके खाने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा रहता है.