पटना (ब्यूरो रिपोर्ट) | आशियाना दीघा रोड स्थित ‘स्कॉलर्स एबोड स्कूल’ के ऑटोडोरियम में ‘बोलो ज़िन्दगी फाउंडेशन’ एवं अलीना प्राइवेट लिमिटेड के संयुक्त तत्वाधान में ‘पत्रकार कवि सम्मलेन‘ आयोजित हुआ. यहाँ एक ही प्लेटफॉर्म पर विभिन्न मीडिया हॉउस के कवि पत्रकारों ने अपनी-अपनी कवितायेँ सुना श्रोताओं का दिल जीत लिया.
कार्यक्रम का उद्घाटन दैनिक जागरण, पटना के पूर्व संपादक शैलेन्द्र दीक्षित ने किया. दीप प्रज्वलन के बाद कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि शैलेन्द्र दीक्षित ने कहा कि “पत्रकार कवि सम्मलेन के रूप में यह एक अच्छी पहल है जहाँ विभिन्न मीडिया के पत्रकार साथियों ने एक ही प्लेटफॉर्म पर जुटकर अपनी सहभागिता दिखाई.”
कवि सम्मलेन में कुल 10 पत्रकार कवियों ने हिस्सा लिया जिनमे बीरेंद्र ज्योति, अमलेंदु अस्थाना, चन्दन दिवेदी, कुमार रजत, मनोज प्रभाकर, अभिषेक कुमार मिश्रा, प्रेरणा प्रताप, अनिकेत त्रिवेदी, समीर परिमल एवं श्रीकांत व्यास हैं. सभी प्रतिभागियों ने अपनी दो उत्तम रचनाएँ सुनाई। तत्पश्चात विशिष्ट अतिथियों में से डॉ. किशोर सिन्हा, प्रमोद कुमार सिंह एवं वरुण कुमार सिंह ने भी मंच से कविता का पाठ किया. आरम्भ में सभी प्रतिभागियों एवं अतिथियों का स्वागत करते हुए स्कॉलर्स एबोड स्कूल की तरफ से एक पौधा एवं स्कूल के बच्चों द्वारा बनाये हुए ग्रीटिंग्स कार्ड भेंट किया गया. उसके बाद ‘बोलो जिंदगी फाउंडेशन’ एवं अलीना प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से सभी प्रतिभागियों एवं अतिथियों को सम्मानित किया गया. मौके पर ‘बोलो जिंदगी फाउंडेशन’ के डायरेक्टर राकेश सिंह ‘सोनू’ ने बताया कि “यह ‘बोलो जिंदगी’ का पहला इवेंट था. इस कार्यक्रम की रुपरेखा उन्होंने एक साल पहले ही बनायीं थी लेकिन कुछ वजह से वो अब जाकर सम्पन्न हो पाया. सोनू ‘बोलो जिंदगी’ के इस पहले इवेंट की सफलता वह अपनी प्रेमिका को समर्पित किया.
कवि सम्मलेन में शामिल होकर दिल्ली प्रेस मैगजीन ग्रुप के बिहार-झाड़खंड ब्यूरो चीफ बीरेंद्र बरियार ज्योति ने सुनाया – ‘जिंदगी भी किसी महागठबंधन की सियासत-सी हो गयी है, सुलझना कम, उलझना ज्यादा इसकी आदत-सी हो गयी है…”
प्रभात खबर के अनिकेत त्रिवेदी ने सुनाया- ‘पगली लड़की नहीं अख़बार हो गयी, दिल के पहले पन्ने पे छप के रोज आ जाती है, जैसे प्रदेश की सरकार हो गयी…”
आकाशवाणी पटना के सहायक निदेशक डॉ. किशोर सिन्हा ने सुनाया- ‘पता भी नहीं चलेगा लड़कियों को कैसे एक भींगा हुआ मौसम मर गया बेवक़्त उनके अपने अंदर…और कैसे वे छली गयीं अपने ही मरे हुए सपनों की केसरगंधी तितलियों से…”
सामयिक परिवेश पत्रिका के पूर्व संपादक समीर परिमल ने सुनाया- “मौत से भी रुकेगा ना ये कारवां, दिल से आवाज आएगी हिन्दोस्तां मेरे प्यारे वतन ऐ दुलारे वतन जान तुझपर लुटाएं मजा आएगा…”
दूरदर्शन बिहार के प्रोग्राम एक्जक्यूटिव मनोज प्रभाकर ने सुनाया- “कागज के पन्नों पर लिख-लिख क्या बता रही हो मृगनयनी, काजल सी काली आँखों में क्या छुपा रही हो मृगनयनी..”
दूरदर्शन, बिहार बिहान की एंकर प्रेरणा प्रताप ने सुनाया- “अब उधार की स्याही से कोई क्या देश के जज्बात लिख पायेगा, कहाँ सुनाई देंगी उसे किसानों की सिसकियाँ. मुल्क जल भी रहा हो तो उसकी लपटें वो कहाँ देख पायेगा…”
दैनिक भास्कर के अमलेंदु अस्थाना ने सुनाया – “अब तो तुम्ही लब खोल दो अँधेरा उजाला हो जाये, इस चकाचौंध का मुंह कला हो जाये..”
दैनिक हिंदुस्तान के चन्दन दिवेदी ने सुनाया- “कभी-कभी खुद से यूँ ही ठन जाती है, छंदों की बेबस मुट्ठी तन जाती है. मेरे मुख से छिटपुट शब्द निकलते हैं, तुम सुनते हो वह कविता बन जाती है..”
रेड एफ.एम. के प्रोड्यूसर अभिषेक मिश्रा ने सुनाया – “क्या हर वो चीज जिसे पाने की आप कल्पना करते हैं उसकी कीमत कम हो जाती है मिलने के बाद..? मैं चाहता हूँ तुम सदा अमूल्य रहो मेरे जीवन में जैसे कोई आखिरी रचना हो इस ब्रह्माण्ड की जो सिर्फ मेरे पास है…”
अंत में कार्यक्रम के आयोजक राकेश सिंह ‘सोनू’ ने भी अपनी एक हास्य कविता का पाठ किया.
कार्यक्रम का मंच संचालन प्रीतम कुमार एवं अंकिता ने किया। बोलो जिंदगी फाउंडेशन के सदस्यों सचिन मिश्रा, अनमोल अंशु ने भी कार्यक्रम सफल बनाने में अच्छा योगदान दिया.
इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थें आकाशवाणी पटना के सहायक निदेशक डॉ. किशोर सिन्हा, दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार सिंह, भाजपा कला संस्कृति प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक वरुण कुमार सिंह, अलीना प्राइवेट लिमिटेड की मैनेजिंग डायरेक्टर तबस्सुम अली एवं स्कॉलर्स एबोड स्कूल की प्रिंसिपल बी. प्रियम. उक्त कवि सम्मलेन में स्कॉलर्स एबोड के सभी टीचर, स्कूल के स्टूडेंट, पत्रकार बंधु एवं अन्य श्रोताओं की उपस्थिति देखी गयी.