साधनापूत का हुआ प्रीमियर,अमेरिका से देखने आये दर्शक
आरा, 7 जनवरी. भोजपुरी फिल्मों में फुहड़ता के चलते आ रही लगातार गिरावटों ने जहाँ थियेटर से दर्शको का मोह भंग कर दिया है, वैसे में छोटी फिल्मो, डॉक्यूमेंट्री फिल्मों और कुछ स्थानीय सार्थक फ़िल्म निर्माण करने वाले शख्सियतों के बदौलत सिनेमाघरों में पुरानी रौनक लौटती दिखाई पड़ रही है. जी हाँ ये चौकाने वाला तथ्य जरूर है लेकिन वास्तविकता है.
पटना नाउ की खास रिपोर्ट
हम बात कर रहे हैं सोमवार को स्थानीय मोहन सिनेमा हॉल में रिलीज की गई फ़िल्म “साधनापूत” की, जिसके प्रीमियम शो में सिनेमाघर दर्शकों से ठसाठस भरा दिखा और दर्शकों ने शानदार लुत्फ उठा फ़िल्म निर्माण से जुड़े लोगों को बधाई दी. बताते चलें कि इस तरह की प्रीमियम शो की शुरुआत अम्बा ने पिछले साल 16 सितम्बर को “ह्यूमन बम” नामक लघु फ़िल्म से मोहन सिनेमा हॉल, आरा से ही की थी. दर्शकों की भारी भीड़ अम्बा की छवि,सत्यकाम आनंद और ओ पी पांडेय जैसे चर्चित नामो की बदौलत इक्कठी हुई थी. फ़िल्म देखने के बाद दर्शको का फ़िल्म मेकरों पर विश्वास और बढ़ा और इस तरह के प्रयोगों में जब “साधनापूत” की खबर दर्शकों तक पहुँची तो हॉल में दर्शकों के बैठने की जगह काम पड़ गयी.
स्थानीय मोहन सिनेमा हॉल में सोमवार को भोजपुर के पुरोधा कहे जाने वाले प्रो.डॉ यू एस पांडेय की 84वीं वर्षगाँठ पर भोजपुर दर्शन द्वारा निर्मित साधनापूत फ़िल्म का प्रीमियर किया गया. यह फ़िल्म प्रो.डॉ यू एस पांडेय की जिंदगी पर बनी एक डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म थी. फ़िल्म के लॉंचिंग से मुख्य अतिथि के रूप में सभागार में पहुंचे पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश भोजपुर अमर पति त्रिपाठी और डॉ यू एस पांडेय ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. दीप प्रज्ज्वलन के बाद जैसे ही मुख्य अतिथियों ने हॉल में प्रवेश किया फ़िल्म का टीज़र पर्दे पर अवतरित हुआ जिसे देखने के बाद हॉल में ठसाठस बैठे दर्शको ने जोरदार तालियों से स्वागत किया. उसके बाद कार्यक्रम का संचालन कर रही पूजा भारद्वाज ने अतिथियों का स्वागत किया और फ़िल्म के बारे में जानकारी दी. इसके बाद प्रोफेसर यू एस पांडेय को मुख्य अतिथि ने सम्मानित किया. मुख्य अतिथि को भोजपुर दर्शन चैनल के हेड राजेश तिवारी ने माल्यार्पण और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया. उन्होंने इस अवसर पर कहा कि मनुष्य और पशु में एक अंतर है. पशु सिर्फ आहार और विहार करता है जबकि मनुष्य इसके अलावां सोचता भी है, अतः जरूरी है कि मानवता के लिए लोग सोचे यही सच्चे अर्थों में जीवन की सार्थकता है. उन्होंने फिल्म बनाने वालों को कोटि-कोटि बधाई दिया और भावुकता भरे स्वर में कहा कि भोजपुर की जनता का उनके प्रति यह प्यार अविस्मरणीय है.
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि जिला एवं सत्र न्यायाधीश भोजपुर ने यू एस पांडेय जैसे ब्यक्तित्व पर फ़िल्म बनाने के लिए पूरी निर्माण से जुड़ी टीम को बधाई दी और कहा कि साधनापूत फ़िल्म युवाओ के लिए मिल का पत्थर साबित होगा क्योंकि इस फ़िल्म से लोग इनकी जीवनी से प्रेरणा लेंगे. क्योंकि मनुष्य जीवन मे कुछ अच्छे कार्यो को कर करना ही सबका लक्ष्य होना चाहिए.
अमेरिका से बेटी पहुँची पापा का फ़िल्म देखने
फ़िल्म के प्रीमियर के इस मौके पर प्रोफेसर साहब के परिजनों सहित उनके चाहने वालों की भारी भीड़ हॉल में एकत्रित थी. यहां तक की उनकी छोटी बेटी भारती भी अमेरिका इस इस फ़िल्म को देखने आरा आयी हुई थी. इस मौके पर उनकी बड़ी बेटी रेणु तिवारी साथ परिवार के अन्य सदस्य भी थे.
इस मौके पर तकनीकि पक्ष से जुड़े लोगों का परिचय और फ़िल्म निर्माण का परिचय चर्चित रंगकर्मी व निर्देशक ओ पी पांडेय ने किया. बताते चलें कि फ़िल्म की कथा व पटकथा ओ पी पांडेय ने लिखी है जबकि निर्देशन राजेश तिवारी ने किया है.
फ़िल्म के गीतकार-वीरेंद्र पांडे का है जबकि स्वर निशा तिवारी ने दिया है. फ़िल्म की बेहतरीन फ़िल्म से सजाया है DOP रंजीत कुमार सिंह ने जबकि फ़िल्म के कैमरामैन हैं अमित मिश्रा. पोस्ट प्रोडक्शन राजेश कुमार डब्लू का है. फ़िल्म में प्रोफेसर यू एस पांडेय के बचपन की भूमिका निभाई है मुख्य अभिनेता के रूप में सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ने वाले आर्यन ने और सह अभिनेता के रूप में अक्षर ने बेहतरीन काम किया है.
फ़िल्म से जुड़े सभी लोगों को अंगवस्त्र और मोमेंटो से सम्मानित किया गया वही इस अवसर पर विशेष योगदान के लिए रामजी तिवारी, कामेश्वर सिंह और एंकर पूजा भारद्वाज को भी सम्मानित किया गया. फ़िल्म देखने के लिए बच्चों की भी भारी भीड़ थी. हॉल दर्शको से ठसाठस भरा हुआ था. इस अवसर पर महिलाओं,बच्चों, शिक्षाविदों,रंगकर्मियों, सामाजिक कार्यकर्ताओ के साथ राजनीति से जुड़े कई खास चेहरों की भी उपस्थिति देखी गयी.
पटना नाउ से अपूर्वा की रिपोर्ट