आरा (सत्या की खास रिपोर्ट) । नाम मनीष उर्फ हीरो, काम- रंगदारी के लिए किसी को भी मौत के घाट उतार देना और गोलियों से भून डालना. कुछ ऐसा ही था भोजपुर पुलिस और एसटीएफ की गोलियों का शिकार बने मनीष का प्रोफाइल. कम समय में ही जिले में खौफ और आतंक का पर्याय बन चुके इस अपराधी को पुलिस ने ढेर कर चैन की सांस ली है. हीरो का नाम भोजपुर समेत आसपास के जिलों में बड़ी तेजी से फैल रहा था और उसके गैंग में नौजवान शामिल हो रहे थे.
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भोजपुर पुलिस ने एसटीएफ की मदद से मंगलवार की शाम कुख्यात अपराधी मनीष सिंह उर्फ हीरो को मुठभेड़ के दौरान मार गिराया. इस दौरान पुलिस ने उसके दो साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया जो कि बनारस के जीवीएम मॉल में हुई शूटआउट की घटना के आरोपी थे और फरार चल रहे थे. पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में हीरो का एक साथी अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहा.
दरअसल पुलिस हीरो की टोह में कई दिनों से लगी थी. इसी दौरान ये सूचना मिली कि हीरो अपने 4 गुर्गों के साथ किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए भोजपुर के ही पीरो की ओर जा रहा है. पुलिस ने रास्ते में तत्काल घेराबंदी की तो हीरो और उसके गैंग ने गोलीबारी शुरू कर दी. इसके बाद पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू की और हीरो को मार गिराया. पुलिस ने उसके दो साथी कुंदन और अभिषेक को गिरफ्तार कर लिया.
हीरो के विलेन बनने का किस्सा काफी कम समय का है. इसी साल अगस्त महीने में पेशी के दौरान मनीष सिंह आरा कोर्ट परिसर से पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था. फरार होने के बाद हीरो कहर बन गया. उसने 20 सितंबर को शहर में लगातार फायरिंग की 3 वारदातों को अंजाम देकर दशहत फैला दी थी. इस दौरान हीरो ने बीजेपी नेता प्रेम पंकज के ट्रैक्टर शोरूम में एक कर्मचारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी जिसके बाद से वो लगातार पुलिस के लिए सिरदर्द बना था.
मनीष मूल रूप से भोजपुर जिले के ही बड़हरा थाना के बिन्दटोली का रहने वाला था ताजा मामले में उसने 21 अक्टूबर को आरा के नगर थाना क्षेत्र के इब्राहिम नगर स्थित एक ईंट भट्ठे पर रंगदारी की मांग करते हुए भट्ठे के मुंशी को गोली मार जख्मी कर दिया था. एनकाउंटर में बेटे की मौत पर हीरो के पिता अनिस सिंह ने कहा कि हीरो की हत्या साजिश के तहत की गई है. उन्होंने कहा कि बड़े अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं लेकिन मेरे बेटे को ही पुलिस ने निशाना बनाया. हालांकि हीरो के पिता ने यह भी कहा कि उनका पिछले दो सालों से हीरो से मुलाकात नहीं हुई. इन दो सालों के दौरान उनके साथ कोई बातचीत भी नहीं हुई थी.