पटना. बिहार समाज विज्ञान अकादमी द्वारा पटना ट्रेनिंग कॉलेज में ‘बिहार में शिक्षा की राजनीतिक आर्थिकी’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन हुआ. इस समसामयिक विषय पर व्याख्यान चर्चित अर्थशास्त्री प्रो डी एम दिवाकर, प्राध्यापक, ए एन सिन्हा समाज विज्ञान संस्थान, पटना ने दिया.
व्याख्यान की शुरुआत करते हुए उन्होंने बताया की शिक्षा को राजनीति और अर्थशास्त्र से अलग करके नहीं देखा जा सकता. वस्तुतः जैसा समाज नीति निर्माता बनाना चाहते हैं वैसी ही शिक्षा भी प्रदान की जाती है. शिक्षा का विषय राजनीतिक एजेंडे में तो जरुर होता है पर राजनीतिक संस्थाओं नेआजादी के बाद भी मैकाले की ही शिक्षानीति को प्रोत्साहन दिया है जिसने हमारे सामाजिक संगठन को नुकसान पहुँचाया है. आज तक देश में कई शिक्षा नीतियां बनी और कई प्रयोग भी हुए पर शिक्षा के स्तर में कोई उत्थान नहीं हो पाया.
आज तो स्थिति और भी विपरीत है जब शिक्षा को निजी हाथों में सौंपकर सरकार ने इस पर और भी कुठाराघात ही किया है. यहाँ तक कि विद्यालयों में शिक्षा सम्बन्धी आंकड़े जो सरकार ने ही जारी किये हैं वो भी इसी ओर इशारा करते हैं. प्रो दिवाकर ने कई रपटों के आधार पर उदाहरण भी प्रस्तुत किये. उन्होंने आगे कहा कि हो सकता है कल को ऐसे आंकड़े भी जारी ना हो जैसा कि बेरोजगारी सर्वेक्षण को बंद करके सरकार ने साबित किया है वैसी परिस्थिति में हम सभी को शिक्षा का एक वैकल्पिक मॉडल तलाशना होगा.
आगे व्याख्यान में प्रो दिवाकर ने विद्यालयों की आधारभूत संरचना, शिक्षकों की उपलब्धता जैसे मुद्दों पर भी सारगर्भित चर्चा की.
व्याख्यान के अंत में उपस्थित शिक्षाविदों, विद्यार्थियों और बुद्धिजीवियों ने अपने सवालों को भी प्रस्तुत किया जिसका प्रो दिवाकर ने तर्कपूर्ण ढंग से उत्तर दिया.
धन्यवाद ज्ञापन डॉ गिरीश शंकर ने किया. इस अवसर पर बिहार समाज विज्ञान अकादमी के अध्यक्ष प्रो एस पी वर्मा, मकेश्वर जी, अजीत सिंह, विजय कुमार, गोपाल जी, ज्योतिष, उदयन रॉय, विवेक कुमार, रवि प्रकाश सूरज के अलावा कई शिक्षाविद्, छात्र, और बी एस एस ए के गणमान्य सदस्य उपस्थित थे.
पटना नाउ ब्यूरो