राजद ने दलित विधायक के अपमान के खिलाफ उठाई आवाज
आरा जंक्शन पर रेलमंत्री द्वारा कई योजनाओं के शिलान्यास के मौके पर रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, आरा के सांसद व ऊर्जा राज्यमंत्री आर के सिंह,औरंगाबाद सांसद सुशील सिंह, बक्सर सांसद अश्विनी चौबे के साथ अगियाँव विधानसभा से सुरक्षित सीट जीतने वाले दलित विधायक प्रभुनाथ राम ने भी मंच साझा किया. मंच पर अपनी बातों को भी सभी लोगों ने रखा. केवल प्रभुनाथ राम और औरंगाबाद सांसद कार्यक्रम के शुरुआत से लेकर अंत तक बैठे रहे. मंच पर कई बार लोगों को सम्बोधित करने के बाद और शिलापट के उद्घाटन के बाद रेलमंत्री ने जहाँ आर के सिंह से हाथ और कंधा मिला अपनी खुशी जाहिर की. मंच पर उनका यह स्नेह देख उनकी आपस की दोस्ती भरी केमेस्ट्री देख लोग भी खुशी से गदगद थे. रेलमंत्री ने अपना भाषण सबसे अंत मे दिया और सभी लोगों के हाथों को पकड़ अपने शक्ति का प्रदर्शन उपस्थित जनता के साथ किया लेकिन इस दौरान मंच पर ही बैठे अगिआंव विधायक प्रभुनाथ राम और औरंगाबाद सांसद सुशील सिंह को बुलाया तक नही. सबको हाथ मिलाता देख प्रभुनाथ राम अपनी सीट से उठे भी लेकिन किसी ने उनके हाथ को नही थामा, जिसके कारण वे बिना हाथ मिलाए ही चुपचाप मंच पर खड़े रहे.
इस घटना को ले बड़हरा के राजद विधायक सरोज यादव ने बीजेपी पर हमला करते हुए इसे छुआछूत की मानसिकता करार दिया है. बड़हरा विधायक ने कहा कि अपने क्षेत्र से सुरक्षित सीट जीतने वाले विधायक से हाथ नही मिलना और मंच पर संबोधन करने का मौका नही देना भोजपुर सहित बिहार के दलित भाई-बहनों का अपमान है. उन्होंने हमलावर अंदाज में दलितों के हिमायती कहलाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरते हुए कहा कि बिहार में सरकार रहने के बाद भी उसी पार्टी के विधायक का रेलमंत्री के मंच पर इतना बड़ा अपमान हो इससे शर्मनाक बात और क्या हो सकती है! सरोज यादव ने चुटकी लेते हुए कहा कि लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अंतरात्मा भाजपा के साथ सीट शेयरिंग में व्यस्त हैं. इससे साफ है कि नीतीश कुमार अपनी कुर्सी के लिए किसी भी व्यक्ति के स्वाभिमान के साथ खेल सकते हैं.
आरावासियों के साथ हुआ यह कैसा ‘छल’
बड़हरा राजद विधायक सरोज यादव ने कहा कि आरा-सासाराम रेल परिचालन कराने का देन माननीय पूर्व रेलमंत्री आदरणीय लालू प्रसाद यादव का है. उन्होंने रेल मंत्री रहते अपने समय में ही आरा से लेकर भभुआ मुंडेश्वरी धाम तक रेल परिचालन हेतु सर्वे कराने का काम किया था, और यहाँ आगमन पर इस परियोजना का शिलान्यास भी किया था लेकिन अभी तक मोदी सरकार में इस मसले पर कुछ ठोस निर्णय नही लिया गया,साथ ही आरा-सासाराम रेल लाइन के दोहरीकरण का भी प्रस्ताव था, पर कल रेलमंत्री इन दोनों परियोजनाओं को स्थानीय सांसदों द्वारा उठाये जाने के बाद भी चुप्पी साध गए.
अधिक राजस्व के बाद भी नहीं दिया गाड़ियों का ठहराव
रेलमंत्री ने सिर्फ एक गाड़ी का ठहराव देकर भोजपुर की जनता के साथ मजाक किया है. जबकि इससे कम राजस्व वाले स्टेशनों पर यहाँ से ज्यादा गाड़ियों का ठहराव है. उन्होने जनसरोकार के लिए आरा को कुछ दिया ही नहीं. इससे जगजाहिर होता है कि मोदी सरकार के सभी दूत बड़े-बड़े सपने दिखाकर आरा की जनता को ठगने का कार्य बंद करे अन्यथा आनेवाले चुनाव में आपकी ढकोसली सरकार को जनता उखाड़ फेकेगी.
आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट