आरा. मंडल कारा आरा में शनिवार को भोजपुर पुलिस के आला अधिकारियों ने छापेमारी की. छापेमारी करने पहुंचे अधिकारियों के जाते ही वहां अफरा-तफरी मच गई. छापेमारी टीम का नेतृत्व जिलाधिकारी संजीव कुमार एवं पुलिस कप्तान अवकाश कुमार कर रहे थे. अचानक हुई इस छापेमारी से कैदियों में हड़कंप मच गया. SP के निर्देश पर आरक्षियों ने विभिन्न वार्डों में घूम-घूमकर चेकिंग अभियान चलाया. इस दौरान वार्डों से 3 मोबाइल, 6 चार्जर एवं कुछ बर्तन तथा कई आपत्तिजनक सामान भी बरामद किए गए.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस छापेमारी को फेसबुक पर मंडल कारा से तस्वीर वायरल होने की वजह मामला देखा जा रहा है. हालांकि यह भी कयास लगाया जा रहा है कि बाहर से कुछ बंदी आरा मंडल कारा में लाए गए हैं जिनको लेकर छापेमारी की गई है. बताते चलें कि इसके पूर्व भी जेल के अंदर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसके बाद सघन छापेमारी की गई थी. जेल के अंदर मोबाइल फ़ोन और दूसरे गैर कानूनी समानो को लगातार अंदर पहुंचाया जाता है. कुछ दिनों पर हमेशा छापेमारी होती है लेकिन प्रशासन समान मिलने का दावा कभी-कभार ही करती है, जबकि हकीकत कुछ और ही होता है. बताते चलें कि इसी को लेकर जेल सुपरिटेंडेंट तक का तबादला कर दिया गया जिसके बाद वर्तमान सुपरिटेंडेंट को जान से मारने की धमकी के साथ जेल के मुख्य गेट पर फायरिंग तक अपराधियों ने की लेकिन जेल की सुरक्षा ही सवालों के घेरे में है. कुख्यात अपराधियों से भरे मंडल कारा में अबतक प्रशासन जैमर क्यों नही लगाती? कहीं जेल से ही कई सरगनाओं द्वारा आपराधिक कांडों को अंजाम तक पहुँचने का दिशा निर्देश फोन के जरिये ही तो नही दिया जाता है? या फिर जैमर लगाने के पीछे भी कोई राजनीतिक हस्तक्षेप है? ये सब सवाल हैं जिसके बाद ही जेल सुरक्षा की सही स्थिति का पता लग पायेगा. क्योंकि सुरक्षा पर लाखों खर्च के बाद भी सुरक्षा ताख पर है.
आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट