आपने सही पढ़ा. बिहार में लगातार लड़कियों के साथ हो रही रेप की घटनाओं से चिंतित सरकार अब किन्नरों को अल्पावास गृह की सुरक्षा सौंपने पर विचार कर रही है. सोमवार को लेक संवाद में छोटी बच्चियों के साथ हो रही रेप जैसी घटनाओं से संबंधित प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक घिनौना कृत्य है, विकृत मानसिकता है. इसके लिए कानूनी प्रावधान के अनुसार कार्रवाई होनी चाहिए. अब ऐसी स्थिति है कि कोई भी अगर इस तरह का कृत्य करेगा, पकड़ा जायेगा. सजा को और सख्त करने के सुझाव हैं, यह गौर करने वाली बात है.
मुजफ्फरपुर और छपरा शॉट स्टे होम में महिलाओं एवं लड़कियों के साथ हुए शारीरिक शोषण से संबंधित प्रश्न का जवाब देते हुए समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद ने बताया कि विभाग की जांच से ही इस तरह की घटनाओं की जानकारी मिली है और उस पर कार्रवाई की जा रही है। चाहे कोई भी हों, उनके खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई हो रही है. पिछले सात-आठ महीनों में बिहार के सभी जिलों में वॉलिंटियर्स के द्वारा जांच की गई है. सरकार की तरफ से इन घटनाओं में जो एनजीओ लिप्त हैं, उन पर भी कार्रवाई की जा रही है. मुख्यमंत्री ने इसके संबंध में कहा कि जो भी एनजीओ के द्वारा इन सब चीजों का संचालन किया जाता है उसकी बेहतर तरीके से जांच पड़ताल कर लेनी चाहिए और ऐसी व्यवस्था विकसित करने की जरूरत है, जिससे इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.
अतुल प्रसाद ने कहा कि छपरा अल्पावास गृहग में बच्ची के साथ हुई घटना में वहां के गार्ड को ही दोषी पाया गया है. इसलिए किन्नरों को अगर ये जिम्मेदारी दी जाती है तो बेहतर रहेगा. मुख्यमंत्री ने भी इसे बढ़िया प्रस्ताव माना है और इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है.