कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा है कि राज्य के कई हिस्सों से धान के बिचड़ा में रोग लगने की सूचना प्राप्त हो रही है. जानकारी के अनुसार इस रोग में धान के बिचड़े की पत्तियों के शीर्ष एवं किनारे सूख जाते हैं अथवा पीला दिखने लगते हैं. चूँकि कहीं-कहीं बीज स्थली में बिचड़े अभी छोटे हैं, इसलिए दूर से प्रभावित खेत सूखा दिखायी दे सकता है. यह एक रोग है, जो अधिक तापमान एवं आर्द्रता में वृद्धि होने के कारण अधिक प्रभावी होता है.
कृषि मंत्री ने पौधा संरक्षण संभाग के सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस तरह के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करें एवं किसान भाइयों एवं बहनों को अविलम्ब इसके नियंत्रण का उपाय बताएँ. उन्होंने पौधा संरक्षण संभाग के पदाधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों का सतत् निगरानी करते रहने का भी निदेश दिया है. उन्होंने कहा कि यदि कहीं भी फसलों पर इसका प्रकोप हो तो उसका अविलम्ब इसके प्रबंधन के उपाय युद्ध स्तर पर किया जाये.
डॉ कुमार ने राज्य के किसानों से अपील की है कि अगर खरीफ फसलों पर किसी तरह के कीट एवं बीमारियों के लगने की आशंका हो तो तुरन्त इसके निदान के लिए अपने नजदीक के पौधा संरक्षण पदाधिकारी, कृषि समन्वयक अथवा कृषि पदाधिकारी से संपर्क करें.