पटना (राजेश तिवारी) | ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे झोलाछाप डॉक्टर अब नए नाम से जाने जाएंगे. उनका नया नाम होगा “सामुदायिक स्वास्थ्य सहायक“. राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) एवं राज्य स्वास्थ्य समिति, स्वास्थ विभाग, बिहार सरकार के संयुक्त प्रयास से सूबे में अप्रशिक्षित ग्रामीण चिकित्सकों को प्रशिक्षित करने का संकल्प एनआईओएस ने लिया है. यह कार्यक्रम 15 जुलाई से शुरू हो जाएगी. एनआईओएस के चेयरमैन चंद्र भूषण शर्मा ने बताया कि बिहार में कुल 21812 अप्रशिक्षित झोलाछाप डॉक्टर को सामुदायिक स्वास्थ्य पाठ्यक्रम के तहत उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा.
गौरतलब है कि बिहार में बड़ी संख्या में ऐसे अप्रशिक्षित ग्रामीण चिकित्सक प्रशिक्षण के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं. इनके उपचार से लोगों को परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है.
राज्य स्वास्थ्य समिति, स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार एवं राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान ने मिलकर ऐसे ग्रामीण चिकित्सकों को प्रशिक्षित करने हेतु एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर पूरे बिहार राज्य के प्रशिक्षित ग्रामीण चिकित्सकों को प्रशिक्षण हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य पाठ्यक्रम (एक वर्षीय) प्रारंभ किया है.
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान विश्व के सबसे बड़े मुक्त शिक्षा प्रणाली है जो प्रोफेसर सी0बी0शर्मा, अध्यक्ष, रा0मु0वि0शि0स0 के ऊर्जावान नेतृत्व में कार्य कर रहा है. यह संस्था माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक शिक्षा के साथ-साथ 103 व्यवसायिक विषयों के लिए पिछले 5 वर्षों में 28 लाख लोगों को प्रशिक्षण देने का सफलतापूर्वक कार्य किया है. संस्था ने देशभर के 15 लाख अप्रशिक्षित शिक्षकों के प्रशिक्षण (डी0एल0एड0) का कार्य प्रारंभ किया है, जिसकी प्रथम सत्र की परीक्षा इसी माह में सफलतापूर्वक संपन्न हुई है.
बिहार राज्य के कुल 21812 प्रशिक्षित ग्रामीण चिकित्सकों ने अपना नामांकन “सामुदायिक स्वास्थ्य पाठ्यक्रम” के प्रथम सत्र में करवाया है. राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान ने प्रशिक्षण हेतु सामग्री का निर्माण सरल भाषा में किया है. इन पाठन सामग्रियों को 4 पाठ्यपुस्तकों में तैयार कर सभी नामांकित शिक्षार्थियों को पहचान-पत्र के साथ प्रेषित किया जा चुका है. कोशिश कि जा रही है कि इस कार्यक्रम की पहली परीक्षा नवम्बर 2018 में संपन्न हो सके.
“सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रम” को बिहार राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विशेष सानिध्य प्राप्त हुआ है, जिस कारण आज राज्य भर के ग्रामीण चिकित्सक “सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रम” के माध्यम से अपने हुनर को विकसित कर पा रहे हैं. यह राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी कठिनाइयों को दूर करने में बहुत बड़ा योगदान देगा. इसकी मदद से ग्रामीण चिकित्सक अपने कौशल को विकसित कर मरीजों को सही प्रारंभिक चिकित्सा प्रदान कर सकेंगे ताकि लोगों को सुरक्षित रूप से पूर्ण इलाज हेतु नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों तथा अस्पतालों में पहुंचने का पर्याप्त समय मिल सकेगा. यह कार्यक्रम सही अर्थ में बिहार राज्य के ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में पथ प्रवर्तक साबित होगा.