मुख्यमंत्री के आदेश पर हुई आईजी की जांच में आखिरकार पुलिसवाले ही दोषी पाए गए हैं. फ्री में सब्जी नहीं देने पर सब्जीवाले के नाबालिग बेटे को जेल भेजे जाने के मामले में जोनल आईजी नैयर हसनैन खान ने सोमवार को जांच रिपोर्ट सौंप दी. जांच रिपोर्ट के मुताबिक नाबालिग को झूठे मामले में फंसा कर जेल भेजा गया था. इस मामले में आईजी ने पटना के अगमकुआं थाना और बाइपास थाना के थानेदारों को सस्पेंड करने की अनुशंसा की थी. जिसके बाद दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है.
इसके साथ ही मामले में छापेमारी करने वाली पुलिस टीम के सभी सदस्यों को सस्पेंड करने का निर्देश दिया गया है. यही नहीं, रिपोर्ट में अगमकुआं और बाइपास थाना प्रभारी की पटना जिले में पोस्टिंग नहीं करने की भी अनुसंशा की गई है.
बता दें कि राजधानी के पत्रकार नगर के सब्जी विक्रेता ने पुलिसवालों के मुफ्त में सब्जी देने से इनकार कर दिया था. इस वजह से उसे बाइक लुटेरा गिरोह का सदस्य बताते हुए पुलिस घर से उठाकर ले गई थी. पुलिस ने आधार कार्ड में दर्ज उसकी उम्र को 14 से बढ़ाकर 18 बना दिया और रिमांड होम की जगह जेल भेज दिया था. पीड़ित परिवार इस मामले को लेकर थाना से लेकर आलाधिकारियों तक चक्कर लगा चुका था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. बाद में मीडिया में खबर आने पर मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए थे.
पटना से अरुण