‘डेथ आन संडे’ – बिहारी शूटिंग को मिला नया ‘लाइफ’

By Nikhil Apr 25, 2018

बिहार के लाल दुनिया में मचाएंगे धमाल
हिंदी फिल्‍म ‘डेथ ऑन संडे’ की शूटिंग जारी
पटना (ब्यूरो रिपोर्ट) । एक से बढ़कर एक शानदार कलाकार देने वाला तथा हिंदी सिनेमा को समृद्ध करने वाला बिहार अब एक नए जोश के साथ उठ खड़ा हुआ है. बिहारी माटी फिल्‍मों की शूटिंग को लेकर दिग्‍गज निर्देशकों को बहुत आकर्षित नहीं कर पाई है. खराब कानून-व्‍यवस्‍था, लाल फीताशाही और सरकारी उपेक्षा ने समृद्ध धरोहर और लोकेशन वाले इस राज्‍य को फिल्‍म शूटिंग के न‍जरिए से कभी ड्रीम प्‍लेस नहीं बनने दिया. कहने को तो प्रकाश झा, शत्रुघ्‍न सिन्‍हा, मनोज बाजपेयी, पंकज मिश्रा समेत फिल्‍म इंडस्‍ट्री को कई नायाब हीरे देने वाली बिहार की धरती ने राष्ट्रीय स्तर पर बिहार का मान बढ़ाया है. एक ऐसा ही नायाब हीरा बिहार से निकला और खुद को तराश कर बिहार के कलाकारों को तराश कर फ़िल्म बनाने की शुरुआत की ..

अनिरुद्ध पाठक

बिहार भी फिल्‍म शूटिंग के अनुकूल माहौल बनाने में जुट गया है. इसकी शुरुआत हुई है हिंदी फिल्‍म ‘डेथ ऑन संडे’ की शूटिंग से. यह बिहार के इतिहास की पहली हिंदी फीचर फिल्‍म होगी, जिसकी पूरी शूटिंग राजधानी पटना एवं आसपास के मनोरम लोकेशन पर पूरी होगी, जिसमें बिहार के 100 से ज्‍यादा स्‍थानीय कलाकार अपनी प्रतिभाएं दिखाएंगे.
बिहार की धरती पर फिल्‍म शूटिंग कर बिहार की तकदीर और तस्‍वीर बदलने की का बीड़ा उठाया इसी माटी में पैदा हुए अनिरुद्ध पाठक ने. बि‍हार के अनिरुद्द पाठक इस फिल्‍म के निर्माता हैं. अनिरुद्द पाठक का बैनर राइटर्स गैलेक्सी टीवी दुनिया का जाना पहचाना नाम है. इनके बैनर से सोनी टीवी पर ‘पृथ्वी बल्लभ’, लाइफ ओके पर ‘आजाद’ धारावाहिक प्रसारित हो रहा है. जल्‍द ही यह कलर्स चैनल पर सलीम अनारकली लेकर आ रहे हैं.
इसके पहले भी अनिरुद्द पाठक ने स्‍टार प्‍लस चैनल में कार्यरत होते हुए चर्चित ‘देवो के देव महादेव’, ‘सिया के राम’ जैसे धारावाहिक में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे चुके हैं. पाठक मूलरूप से पटना के ही निवासी हैं. यही से रंगमंच किये और मुकाम पाने मुम्बई निकल गए. मुंबई में अपनी पहचान बनाने के बाद अपनी माटी को वापस लौटाने की मंशा लिए बिहार आए हैं. उनका कहना है कि उन्‍होंने इस माटी से जो लिया था, अब इस फिल्‍म के निर्माण से वापस करने से बेहतर कोई दूसरा जरिया नहीं था. इस बैनर की दूसरी फिल्‍म की शूटिंग भी बिहार में करने की इच्‍छा है. एनएसडी पास आउट संजय सोनू फिल्‍म के निर्देशक हैं. बिहार के रंगमंच से मंझकर निकले सोनू मुंबई में मुकाम हासिल करने के बाद अब अपने बिहार में कुछ खास करने का इरादा लेकर आए हैं. इस फिल्‍म की कहानी उनके व्‍यक्तिगत अनुभव का एक पुलिंदा है. सोनू ने पांच साल पटना के श्‍मशान घाटों पर घूमकर इस फिल्‍म के लिए रिसर्च किया. इसमें इनका साथ दिया उनके मित्र राजेश राजा, जो इस फिल्‍म के कास्टिंग डायरेक्‍टर हैं और इस फिल्‍म में अभिनय भी कर रहे हैं. शूल जैसी फिल्मों में काम कर चुके सोनू का कहना है कि बिहार के कलाकारों ने उन्‍हें भरपूर प्‍यार दिया. इस फ़िल्म के आपरेशन हेड हैं सूरज मुखर्जी, जिन्‍होंने कई फिल्‍मों और एड फिल्‍मों के प्रोडक्शन का कार्य किया है. अब इस फिल्‍म के प्रोडक्‍शन की जिम्‍मेदारी भी सूरज के कंधों पर है. इस फिल्‍म की एक खूबी यह भी है कि इसमें पटना रंगमंच के 112 स्‍थानीय कलाकार भी शामिल हैं, जिन्‍हें अपनी अभिनय क्षमता दिखाने का मौका मिलेगा. पहली बार ऐसा हो रहा है, जब किसी हिंदी फिल्‍म में बिहार के इतने कलाकारों को एक साथ काम करने का मौका मिल रहा है. फिल्‍म के गीत डा. सागर ने लिखा है, जबकि संगीत रंजय बावला ने दिया है. बावला भी बिहार के रहने वाले हैं.
इस फिल्‍म के लाइन प्रोड्यूसर हैं विजय पांडेय. विजय पांडेय इस फिल्‍म में अभिनय भी करते नजर आएंगे. मुंबई फिल्‍म इं‍डस्‍ट्री में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके विजय पांडेय हिंदी फिल्‍म ‘तमंचे’ और ‘ओह माई गॉड’ के अलावा ‘बालिका बधु’, ‘एक था राजा एक थी रानी’, ‘माता की चौकी’ तथा ‘फुलवा’ जैसे कई चर्चित धारावहिकों में काम किया है. हिंदी के साथ कई अन्‍य भाषाओं की फिल्‍मों में भी काम कर चुके हैं. फिल्‍म के कैमरामैन हैं अरविंद कुमार, जिन्‍होंने गंगाजल समेत कई फिल्‍मों में कैमरा की जिम्‍मेदारी निभाई है. फिल्‍म के कास्‍ट्यूम डिजाइनर रेशम सिन्‍हा हैं.
इस फिल्‍म में मुख्‍य भूमिका निभाई है जानेमाने कलाकार संजय मिश्रा ने. कई फिल्‍मों में अपने अभिनय तथा कामिक टाइमिंग से अपना एक फैन फालोविंग तैयार करने वाले संजय मिश्रा ने इस फिल्‍म की कहानी सुनते ही इसे करने की इच्‍छा जता दी. संजय के अनुसार इस फिल्‍म की कहानी में एक अनोखी बात है, जिसके चलते यह फिल्‍म आज के दौर की फिल्‍मों से अलग साबित होगी. इसे दर्शकों का भरपूर प्‍यार भी मिलेगा. इस फिल्‍म को लेकर संजय मिश्रा बहुत उत्‍साहित हैं. उनका मानना है कि यह उनके करियर की बेहतरीन फिल्‍मों में से एक साबित होगी.
इस फिल्‍म को पटना में शूट करना एक बड़ी चुनौती थी. इस फिल्‍म को बिना किसी परेशानी के पूरा कराने का बीड़ा उठाया विजय पांडेय ने, जिन्‍होंने इसे चुनौती की तरह लिया. दिन-रात मेहनत करके इस फिल्‍म का पहला शेड्यूल पूरा करा दिया. विजय पांडेय इसका पूरा श्रेय बिहार सरकार, फिल्‍म निगम, प्रशासन और स्‍थानीय लोगों को दिया.
बिहार के रंगमंच से उभरे विजय पांडेय की माने तो बिहार में फिल्‍म शूटिंग की बहुत संभावनाएं हैं. यहां एक से बढ़कर एक लोकेशन और दर्शनीय स्‍थल हैं. ऐतिहासिक स्‍थलों की भी कोई कमी नहीं है. विजय का कहना है कि अगर उनके पास किसी फिल्‍म की कमान आई तो निश्चित रूप से निर्माता-निर्देशक को शूटिंग के लिए बिहार चलने का आग्रह करूंगा.
इस फ़िल्म में मुख्य भूमिका में संजय मिश्रा हैं. उनके साथ कृष्ण मुरारी, विजय पांडेय, संगीता रमण, नैना सिंह, स्नेह पल्लवी, राजेश राजा, अंकिता पांडेय, आकांक्षा सिंह, मनीषा झा, मनीष महिवाल, संजय कांत, सुशील शर्मा, राजीव रंजन श्रीवास्तव, अजित सिंह, रविकांत, आर नरेंद्र, सुशील शर्मा, ओपी सिंह, अभिषेक शर्मा, शैलेश जामियार समेत पटना रंगमंच के वरिष्‍ठ और युवा रंगकर्मी भी शामिल हैं.




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