कैमरा के सामने आप बगैर मेकअप के नहीं जा सकते मेकअप लगाना ही होगा इसके लिए भी एक एक्सपर्ट की जरुरत होती है जो आपके चेहरे को फिल्म और चरित्र के हिसाब से तैयार करता है.कैमरा और मेकअप का सम्बन्ध बहुत ही गहरा है.16 साल से मेकअप आर्टिस्ट का काम कर रहे धर्मवीर मेकअप को एक क्रिएटिव काम मानते हैं इसमें सारा ध्यान रंगों के संयोजन और डिमांड पर रहती है .धर्मवीर ने नाटक ,धारावाहिक और फिल्मों में अपने बेहतरीन काम से सबको प्रभावित हुई है. एक फिल्म के सेट पर रवीन्द्र भारती के साथ धर्मवीर श्रीवास्तव की बातचीत
फिल्म इंडस्ट्री में सीखा बहुत कुछ
मोतिहारी के मध्यमवर्गीय फॅमिली से आने वाले धर्मवीर श्रीवास्तव का रुझान बचपन से कला के प्रति था.उन्होंने अपने इस करियर की शुरुआत 1998 में की और आज एक लम्बा अनुभव है. अभिनय करने की चाहत से रंगमंच पहुंचे पर मेकअप करना शुरू कर दिया और अब फिल्म में अपनी सफलता के झंडे गाड़ रहे है. मंगल पाण्डेय,सिर्फ तुम ,ग़दर ,अर्थ ,मुझे कुछ कहना है में बतौर सहायक मेकअप आर्टिस्ट के रूप में काम किया है.इनकी लेटेस्ट फिल्म है कॉर्पोरेट,राँझना और बजरंगी भाई जान .इसके अलावा एड फिल्म ,कॉर्पोरेट शूट ,फैशन शो और प्रोडक्ट शूट भोजपुरी की कई हिट फ़िल्मों के साथ छोटी- बड़ी एक हजार फिल्में और टीवी शोज कर चूका हूँ .अमिताभ बच्चन के साथ सब कोई काम करना चाहता है वो हैं ही अच्छे. आपकी रचनात्मकता को वे दुगना कर देते हैं.
धर्मवीर कहते है कि मैं 16 सालों से इस क्षेत्र में काम कर रहा हूं. हमेशा से फिल्मी हस्तियों का मेकअप करने का ख्वाब था.दूरदर्शन और ईटीवी में काम किया उसके बाद 2003 में टी सीरीज में काम किया.ज्यादा अच्छे ऑफर मिले तो मुंबई की ओर रुख कर लिया. वो कहते है कि आज इस मुकाम पर हूं कि मैंने एंकर, टीवी शोज, मूवीज से लेकर तरह-तरह के लोगों का मेकअप किया है. टीवी शोज और मूवीज के अलावा करीब 2 साल एक न्यूज चैनल के लिए भी काम किया है.एक मेकअप इवेंट ऑर्गनाइज कर रहे हैं, जिसकी तैयारियां भी चल रही हैं. इसमें अलावा हम वर्कशॉप भी आयोजित कर रहे है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग सीख सकें. कार्यशाला में मेकअप से जुड़ी तमाम बातों के बारे में बताना ही नहीं उन्हें लाइव मेकअप भी कराया जाता है. ऐसे कार्यशालाओं में मेकअप के सभी स्तर को बताया जाता है ,खास तौर पर ब्राइडल रैंप वॉक शो का भी आयोजन किया जाता है. इससे फैशन पैशन और रोजगार तीनों मिलते हैं मेकअप में. मेकअप तो हर कोई जानता है आपके नजरिए से इसमें अलग क्या है? मेकअप का मतलब ही है लुक को अप करना. अक्सर लोगों को लगता है कि आपको बस मेकअप करना आना चाहिए तो काम हो जाएगा, पर अब वो सिचुएशन नहीं है. जैसा मौका, वैसा मेकअप करने की डिमांड है. तभी आप बाकी सब से अलग दिख सकते हैं.साथ ही आपकी क्रिएटिविटी भी दिखनी चाहिए तभी आप अलग दिख सकते है.
धर्मवीर कहते है कि मेकअप करने के दौरान सबसे जरूरी है कि आप यह देखें कि आप किस मौके के लिए तैयार हो रहे हैं. आपकी स्किन टोन कैसी है. हर व्यक्ति की स्किन टोन और कलर अलग होता है.ऐसे में आप एक तरह का मेकअप अप्लाई नहीं कर सकते. इसके अलावा मौसम कैसा है, प्रोडक्ट और लाइटिंग क्या हैं. साथ ही मेकअप लगाने की टेक्नीक, चेहरे को उभारने और दबाने के तरीकों की भी जानकारी होना बेहद जरूरी है.अपने गुरू हाजीपुर के सतीश कुमार सर्वेश को याद करते हुए कहा कि बारीकियां मुझे उन्हीं से सीखने को मिली.