नुक्कड़ नाटक “मुर्ति नोचवा” से त्रिपुरा की घटना पर प्रहार
आरा, 11 मार्च. नुक्कड़ श्रृंखला ‘आप और हम’ के तहत आरा रंगमंच ने अपनी 49वीं नुक्कड़ नाटक “मुर्ति नोचवा” की प्रस्तुति रमना मैदान स्थित स्टेडियम गेट के पास रविवार को की. कार्यक्रम की शुरूआत शहर के वरिष्ठ रंगकर्मी सुधीर शर्मा के संबोधन से हुई .सुधीर शर्मा नें अपने संबोधन में कहा कि कुछ वर्ष पूर्व देश मुंह नोचवा से परेशान था. आज मुर्तिनोचवा से परेशान है. यह समाज और देश को विखंडित करने वाली घटनाएं है.
नाटक में आए दिन हो रहे महान नेताओं की प्रतिमाओं पर हमले को विषय बनाया गया. नाटक में यह दिखाया गया कि सरकार बदलनें पर कुछ लोगों द्वारा एक महान क्रांतिकारी नेता की प्रतिमा पर हमले के बाद देश के अलग अलग राज्यों में इसकी प्रतिक्रिया होती है. विभिन्न राज्यों में विपक्षी समर्थकों द्वारा नेताओं की प्रतिमाओं को विखंडित किया जाने लगता है. समाचार चैनल अपनी टी आर पी बढ़ाने के लिए इन खबरों को जोर शोर से दिखाते है. सामाजिक भाईचारा टूटने लगती है. एक समाचार चैनल के डिबेट में सभी दलों के नेता अपने अपने नेताओं के लिए सर कटाने पर तैयार रहते है. तभी उस डिबेट में एक बुजूर्ग शिक्षक सवाल खड़ा कर बैठता हैे कि क्या प्रतिमाओं पर हमला करने से बेरोजगारों को रोजगार मिलने लगेगा ? क्या देश खुब विकास करेगा?? क्या आपसी सामाजिक सौहार्द बढ़ेगा? अगर लड़ना ही है तो बेरोजगारी, भूख, गरीबी, वैमनस्व से लड़ों.
नाटक में,मुख्य भुमिकाओं में अशोक मानव, डॉ पंकज भट्ट, साहेब अमन, निशिकांत सोनी, लड्डू भोपाली, सलमान महबूब, मुकेश कुमार, मास्टर उत्कर्ष आदि रहे. संगीत सुधीर शर्मा व डॉ पंकज भट्ट का रहा. व्यवस्था में मनोज श्रीवास्तव व अनिल तिवारी ‘दीपू’ रहे.
धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ट रंगकर्मी अशोक मानव ने किया.
आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट