चम्पारण एग्रेरियन बिल 1918 की 100वीं वर्षगांठ पर संगोष्ठी संपन्न.
1 अप्रैल, 2018 से पूरे राज्य में ऑनलाइन दाखिल खारिज चालू हो जाएगा.
भू-लगान का ऑनलाइन भुगतान होने लगेगा.
10-15% युवाओं पर भी यदि गांधी जी के विचारों का प्रभाव हो गया तो यह देश और समाज बदल जाएगा.
पटना (ब्यूरो रिपोर्ट) । रविवार 4 मार्च को चम्पारण एग्रेरियन बिल 1918 की 100वीं वर्षगांठ पर बिहार विधान परिषद सभागार में आयोजित संगोष्ठी का उद्घाटन राज्यपाल सत्यपाल मलिक एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. आज ही के दिन 100 साल पहले 4 मार्च, 1918 को चंपारण एग्रेरियन बिल पारित हुआ था.
ज्ञातव्य है कि 10 अप्रैल 2017 से बिहार में चम्पारण शताब्दी समारोह मनाया जा रहा है. इस समारोह के अंतर्गत सबसे पहले गांधी जी के विचारों पर राष्ट्रीय विमर्श का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर के चिंतक, लेखक, एक्टिविस्टों ने हिस्सा लिया. इसके अलावे अनेक कार्यक्रम भी आयोजित किये गए. गांधी संग्रहालय, पटना और 11 अप्रैल 2017 को मुजफ्फरपुर में कार्यक्रम आयोजित किया गया था. 12 अप्रैल, 2017 को गांधी जी पर आधारित फिल्म, संदेश, एवं विचारों को प्रदर्शित करने के लिए हर टोले और बसावटों तक पहुंचाने के लिए मल्टीमीडिया गांधी रथ को रवाना किया गया था.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने गांधी जी से जुड़े हुए जगहों का भ्रमण किया है जिसमें भितिहरवा आश्रम भी जाने का उन्हें मौका मिला. उनके अनुसार गांधी जी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए काम किया जा रहा है. राज्य के डेढ़ करोड़ परिवारों तक गांधी जी के विचारों का संक्षिप्त रुप पहुंचाया गया है. गांधी जी के विचारों एवं कामों को नई पीढ़ी के लोग जानें और यह बात जन-जन तक पहुंचे, इसके लिए कथा के रुप में लेखन कराकर उसका वाचन कराए जाने पर मुख्यमंत्री ने जोर दिया. उन्होंने कहा कि 10 से 15 प्रतिशत युवाओं पर भी यदि गांधी जी के विचारों का प्रभाव हो गया तो यह देश और समाज बदल जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना में गांधी जी की स्मृति के रुप में एक पिलर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें लोग जैसे-जैसे चक्कर काटते हुए ऊपर चढ़ते जायेंगे, गांधी जी से संबंधित सारी बातों को समझ जायेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज टेक्नोलॉजी का विकास हो गया है. लोग सोशल मीडिया पर सारी जानकारी जानना-समझना चाहते हैं, कोई जिज्ञासावश पढ़ना नहीं चाहता है. आज एक-दूसरे से मोबाइल से संपर्क करने में जो वेब पैदा होता है, उसका दुष्प्रभाव निश्चित तौर पर पर्यावरण पर पड़ता होगा. आज जरुरत है गांधी जी के विचारों को गौर करने की. गांधी जी ने कहा था कि धरती आपकी जरुरतों को पूरा करने में सक्षम है, लालच को नहीं. अपनी सुविधा, आराम के लिए कुदरत के साथ छेड़छाड़ का दुष्प्रभाव निश्चित तौर पर किसी न किसी रुप से पड़ेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि साउथ अफ्रीका से आगमन के बाद मालवीय जी की सलाह पर गांधी जी देश का भ्रमण करना चाहते थे। इसी क्रम में सबसे पहले चंपारण आने का मौका मिला और उनके सत्याग्रह की चर्चा देश एवं देश के बाहर फैली. गाँधी जी के सत्याग्रह, सविनय अवज्ञा आंदोलन जैसे कार्यों के परिणाम स्वरुप 30 साल के अंदर 1947 में देश आजाद हुआ. वर्ष 1917 के चंपारण सत्याग्रह की अहमियत को समझा जा सकता है लेकिन चंपारण सत्याग्रह को जितनी अहमियत मिली चाहिए थी, उतनी अहमियत नहीं मिली है. मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी जी ने सिर्फ किसानों को तीनकठिया प्रणाली से ही मुक्ति नहीं दिलायी बल्कि 46 प्रकार के लगाए जाने वाले करों से भी छुटकारा दिलाया. गांधी जी ने शिक्षा, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर विशेष रुप से काम किया. अपनी पत्नी कस्तूरबा गांधी को भितिहरवा आश्रम की देखरेख की जिम्मेदारी दी. महाराष्ट्र एवं गुजरात से शिक्षकों को यहां के स्कूलों में अध्यापन कार्य में लगाया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थायी बंदोबस्ती का परिणाम विनाशकारी हुआ. जमींदारी उन्मूलन के बाद भी यहां की मानसिकता में कोई बदलाव नहीं आया है. उनके अनुसार हमारे यहां कृषि में काफी संभावनायें हैं. आज बिहार राज्य में सबसे अधिक विवाद जमीन को लेकर है. यहां के लोगों में जमीन के प्रति सेंस ऑफ पजेशन की मानसिकता है.
नीतीश कुमार ने बताया कि राज्य में लोक शिकायत निवारण कानून लागू किया गया है. यह लोगों को बहुत बड़ा अधिकार मिला है जिसका प्रचार-प्रसार लोगों के बीच में करने की और जरुरत है. लोक शिकायत निवारण कानून के अंतर्गत भी ज्यादातर मामले जमीनी विवाद से जुड़े ही आते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन संबंधी विवाद के स्थायी समाधान के लिए हमलोगों ने सर्वे एवं सेटलमेंट करने का काम शुरु किया है. एरियल सर्वे में भारत सरकार से बहुत चीजों की परमिशन लेनी पड़ी. अब 13 जिलों में काम शुरु हुआ है, जो 2020 तक पूरा हो जाएगा. वर्ष 2022 तक पूरे राज्य में पूरा करने का लक्ष्य है. एरियल सर्वे के साथ मिलान कर रिकॉर्ड को अंतिम रुप से प्रकाशित किया जाएगा ताकि शिकायतों का निपटारा आसानी हो सके. उनके अनुसार 1 अप्रैल, 2018 से पूरे राज्य में ऑनलाइन दाखिल खारिज चालू हो जाएगा. ऑनलाइन भू-लगान का भुगतान होने लगेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि चंपारण शताब्दी वर्ष में सामाजिक सुधार के लिए भी काम हो रहा है. चंपारण सत्याग्रह के 100वे वर्ष में राज्य में शराबबंदी लागू की गयी और अब नशामुक्ति पर भी काम किया जा रहा है. 02 अक्टूबर, 2017 से बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान चलाया गया. इसके समर्थन में 21 जनवरी, 2018 को 14 हजार किलोमीटर की मानव श्रृंखला राज्य भर में बनायी गई.
इस संगोष्ठी के अवसर पर बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हारुन रशीद, विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, राज्यसभा सांसद हरिवंश, आई0टी0एम0 विश्वविद्यालय, ग्वालियर के कुलाधिपति प्रो0 रमाशंकर सिंह, प्रख्यात गांधीवादी चिंतक एवं गांधी संग्रहालय के सचिव डॉ0 रजी अहमद, अन्य मंत्रीगण, विधान पार्षद रामवचन राय, विधान पार्षद केदार नाथ पांडेय, विधान मंडल के अन्य सदस्यगण, पूर्व सदस्यगण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.