जिम्मेदार नागरिक निर्माण की पाठशाला है “NCC”
10 दिनों में होता है यहां सर्वांगीण विकास
ट्रेनिग में दिए जाते हैं कई तरह के प्रशिक्षण
विभागीय टीम भी देती है डेमो और मॉक ड्रिल प्रशिक्षण
अनुशासन से आपदा प्रबंधन तक की हुई ट्रेंनिग
आरा 2 मार्च. NCC इसका नाम आते ही हमारे जेहन में सैनिकों का जोश और उमंग सामने आ जाता है. आमतौर पर NCC में परेड और फायरिंग की ट्रेनिंग दी जाती थी. लेकिन वर्तमान में भारतीय थल सेना के ऑफिसर कर्नल विनोद जोशी के हाथों में NCC के 5 बिहार बटालियन की कमान आयी है उन्होंने बच्चों के ट्रेनिंग का रूप ही बदल दिया है. एकता अनुशासन और इस प्रेम से ओत-प्रोत कर्नल जोशी ने विगत 1 वर्षों में कई सारे ट्रेनिंग के जरिये उन्होंने बेहतरीन इंसान बनाये हैं. खास बात यह है कि वर्तमान कमान अधिकारी विभिन्न विशेषज्ञों को भी बुला बच्चो के समक्ष प्रशिक्षण देते हैं जो बच्चों में नया जानने की रुचि पैदा करता है. पटना नाउ की 10 दिवसीय ट्रेनिग कैम्प पर विशेष रिपोर्ट
पिछले 20 फरवरी से पुनः 10 दिवसीय कंबाइंड आवासीय ट्रेनिग कैम्प में उन्होंने 600 बच्चों को प्रशिक्षित करने का बेड़ा उठाया है. यह ट्रेनिग बिहटा स्थित स्टेट फायर ब्रिगेड संस्थान में हो रहा है. ट्रेनिग को रुचिकर और आधुनिक बना NCC कैडेटों को जो प्रशिक्षण कर्नल जोशी के देखरेख में दिया जा रहा है उससे विगत दिनों में NCC के प्रति छात्रों का रुझान बढ़ा हुआ देखने को मिला है.
क्या होता है विशेष इन कैम्पो मे
NCC के वर्तमान कैम्प में ड्रिल और फायरिंग के अलावें हथियार तोड़ना, हथियार जोड़ना, हथियार ड्रिल, बैरल क्राफ्ट,फील्ड क्राफ्ट,मैप रीडिंग, और नेतृत्व विकसित करने के विशेष गुणों को बताया जाता है. इसके लिए सुबह से शाम तक कई चरणों मे विभिन्न कार्यों के लिए समय निर्धारित किया गया है. ट्रेंनिग के दौरान ही B और C सर्टिफिकेट की तैयारी भी कराई गई. B सर्टिफिकेट के लिए परीक्षा भी कैम्प के दौरान ही लिया गया. शारीरिक दक्षता और वाक कौशल के लिए ड्रिल, फायरिंग, बॉलीबॉल,फुटबॉल, और संस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये गए. कैम्प में पहले दिन ही सभी कैडेटों ने दहेज न लेने और न देने के कसम खाये. सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ कर्नल जोशी हमेशा कैडेटों को प्रेरित करते रहते हैं.लड़कों के साथ लड़कियों का भी बढ़ा है NCC की ओर रुझान, जो फायरिंग से ले ड्रिल तक के प्रशिक्षणों को बड़ी कुशलता से सिख रही हैं. कैम्प में मनोरंजन के लिए वैसे फ़िल्म भी दिखाए गए जो सामाजिक एकता और देशभक्ति से प्रेरित था.
इस विशेष ट्रेनिग कैम्प में कर्नल जयराम तकनीकी सहयोग दे रहे हैं वहीं 36 बिहार के कमान अधिकारी सहित 24 थलसेना के प्रशिक्षक कैडेटों में कई गुण समाहित करने में लगे हुए है.
23 फरवरी को ट्रेनिग कैम्प में दानापुर आर्मी के क्षेत्रीय भर्ती पदाधिकारी कर्नल आदित्य पोल ने 1.30 का लेक्चर दिया जिसमें उन्होंने नेवी,आर्मी और एयरफोर्स में जवान बनने की संभावना पर चर्चा की. जात-पात से ऊपर उठकर देश के लिए सेवा की भावना के साथ रोजगार की संभावना पर उन्होंने कैडेटों को बहुत सी जानकारी योग्य बात बताया. 5 बिहार के कमान अधिकारी हमेशा कहते हैं कि अनुशासन और ईमानदारी से कैडेटों को सशस्त्र बल में मौका देना ही उनका मुख्य उदेश्य है. इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए हर वर्ग से बेस्ट ड्रिल और बेस्ट फायरिंग वालों को चयन किया जा रहा है.
27 फरवरी को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन की 9वीं बटालियन के आठ सदस्यीय दल ने NCC कैडेटों को बाढ़, भुकम्प,तूफान और बादल फटने जैसे प्राकृतिक आपदाओं के समय नागरिकों के बचाव के तरीकों की ट्रेनिग डेमो के साथ दिया. बचाव के साथ उपचार की विधि भी सीखने को मिला. इसी दिन स्टेट फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने आपदा के साथ-साथ फायर सेफ्टी के गुण भी सिखाये. आग लगने के दौरान बचाव और उपचार के साथ आग बुझाने के तरीकों को भी कैडेट्स ने डेमो के साथ सीखा. रंगारंग कर्यक्रम की तैयारियां भी बच्चे कर रहे हैं जो सांस्कृतिक संरक्षण का द्योतक है. योगा और ध्यान के तरीकों को भी ट्रेनिग के दौरान सभी कैडेटों बताया जा रहा है जो मानसिक और विचारों की शुद्धिकरण कर व्यक्तित्व निर्माण का कारक बनेगा.
आज की अंतिम ट्रेनिंग के साथ ही 10 दिवसीय यह ट्रेनिग कैम्प खत्म हो जाएगा. 10 दिवसीय इस कैम्प में सीखे सभी गुणों को सुनहरे पलों के रूप में संजोए जाएंगे यहां से 600 ये कैडेट्स जो देश मे आने वाले दिनों में कहीं न कहीं किसी रूप में अपना योगदान देश के लिए देंगे. प्रशिक्षण भले ही खत्म हो जाएगा लेकिन कुछ खत्म नही होगा तो वह है यह प्रशिक्षण का सिलसिला जो कर्नल जोशी जैसे सच्चे और कर्तव्यनिष्ठ फौजी अफसर की देखरेख में यूं ही आगे बढ़ता रहेगा. सच्चे देश भक्तो को पटना नाउ की तरफ से सलाम और होली मुबारक…अगर आप भी जिम्मेदार बन देश की सेवा करना चाहते हैं तो ऐसे ट्रेनिग का हिस्सा जरूर बनिये.
पटना नाउ के लिए ओ पी पांडेय की विशेष रिपोर्ट