अबीर-गुलाल से खेलें होली, जल का करे संरक्षण: कुमार द्विजेन्द्र
छात्र-छात्राओं ने एक दूसरे को अबीर लगा खेला होली
आरा, 28 फरवरी. होली आपसी भेदभाव, और ऊंच-नीच को भूल रंगों के साथ जीवन मे खुशियां बिखेरने का पर्व है. रंगों के विभन्नताओ के बाद भी पर्व में एक होना हमारे वास्तविक जीवन के लिए एक सीख देता है. वैसे तो होली सभी वर्गों की पहली पसंद है लेकिन बच्चे इसको लेकर काफी उत्साह में रहते हैं. स्कूली बच्चे सदियों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन करते हैं. शहर के अधिकांश स्कूलों में होली का त्योहार पहले ही मनाया जा रहा है.
संभावना आवासीय उच्च विद्यालय शुभ नारायण नगर मझौवाँ की छात्राओं एवं छात्रों ने एक दूसरे को गुलाल और रंग लगाकर होली की बधाई दी. इस अवसर पर विद्यालय के निदेशक द्विजेंद्र किरण ने कहा कि होली पर्व मेल मिलाप का घोतक है. भेदभाव को भुलाकर सौहार्दपूर्ण माहौल में होली मनाएं उन्होंने यह भी कहा कि जल संरक्षण को ध्यान रखना आज के युवा पीढ़ी को बहुत जरूरी है इसके लिए अबीर गुलाल के साथ ही होली सुखी होली खेले.
इस अवसर पर विद्यालय की प्राचार्या अर्चना सिंह ने कहा कि यह पर्व उमंग और उत्साह का पर्व है धर्म जाति और संप्रदाय से परे सभी भारतीय इस पर्व को हर्षोल्लास से मनाते हैं धर्म जाति और संप्रदाय से परे सभी भारतीयों इस पर्व को हर्षोल्लास मनाते हैं. इस अवसर पर संगीत शिक्षक सरोज कुमार के निर्देशन में विद्यालय की छात्राएं रितिका अवंतिका आंचल जया श्रुति अंजलि अंकिता तथा नंदिनी ने जब होली आयो रे होली आयो रे सहित कई गीत प्रस्तुत किया तो पारंपरिक होली को याद कर सभी गीतों पर झूमे.
इस मौके पर राजेंद्र कुमार वर्मा विष्णु शंकर रेनू पांडे प्रांजलि खरे राधेश्याम तिवारी चंदन कुमार मनोज पांडेय सहित तमाम शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद थी.
आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट