पटना (राजेश कुमार) । मैट्रिक परीक्षा के पहले दिन बुधवार को बिहार बोर्ड के सख्त दिशानिर्देशों का असर देखने को मिला. पहले ही दिन कुल 53 परीक्षार्थी निष्कासित किए गए जबकि 10 लोग दूसरे की जगह परीक्षा देते पकड़े गए.
पहले दिन दोनों पालियों में अंग्रेजी की परीक्षा हुई जबकि दूसरे दिन सामाजिक विज्ञान की परीक्षा होगी. बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर के मुताबिक पहले दिन की परीक्षा पूरी तरह शांतिपूर्ण और कदाचार रहित संपन्न हुई. बिहार बोर्ड के सख्त दिशानिर्देश और हर जगह परीक्षा केन्द्रों पर कड़ाई का बड़ा असर देखने को मिला है.
पटना जिला में पहले दिन किसी भी परीक्षार्थी को निष्कासित नहीं किया गया है। बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर और पटना डीएम ने पटना के कई परीक्षा केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया. वर्ष 2018 की इस परीक्षा में बिहार बोर्ड ने एक साथ कई नई शुरूआत की है. पहली बार मैट्रिक की परीक्षा में ऑब्जेक्टिव प्रश्न दिए गए. 50 फीसदी ऑब्जेक्टिव प्रश्नों के उत्तर ओ एमआर शीट पर देने हैं. ओ एम आर शीट पर परीक्षा की शुरूआत भी इसी साल से हुई है.
इसके साथ- साथ परीक्षा केन्द्रों पर अभ्यर्थियों को जूता-मोजा पहनकर परीक्षा देने की मनाही की गई है. परीक्षार्थियों के साथ-साथ परीक्षा केन्द्र पर वीक्षक, केन्द्राधीक्षक और अन्य स्कूल कर्मियों को भी मोबाइल रखने की मनाही इस बार की गई है. इंटर परीक्षा में हर दिन प्रश्न पत्र वायरल होने की खबर से परेशान बिहार बोर्ड ने मैट्रिक परीक्षा में मोबाइल को लेकर इतने सख्त निर्देश जारी किए हैं.
मैट्रिक की परीक्षा 28 फरवरी तक चलेगी. इस साल करीब 18 लाख परीक्षार्थी मैट्रिक की परीक्षा में शामिल हो रहे हैं. परीक्षा में हर जिले में 4 आदर्श केन्द्र बनाए गए हैं. जहां सिर्फ छात्राओं का परीक्षा केन्द्र है और वहां वीक्षक, केन्द्राधीक्षक, सुरक्षाकर्मी समेत सभी कर्मी महिलाएं हैं. इन केन्द्रों की सजावट भी की गई है.