क्या सच मे पलटेगी “आरा-हाउस” की किस्मत !

By om prakash pandey Feb 22, 2018

कला एवं संस्कृति सचिव ने किया आरा हाउस का भ्रमण
आरा हाउस के काया पलट तैयारी

आरा, 22 फरवरी. भारत के पहले स्वन्त्रता संग्राम 1857 का गवाह रहे आरा हाउस की किस्मत पलटने वाली है. वीर कुंवर सिंह के 160वे विजयोत्सव पर सरकार को इस धरोहर की याद आयी है. जिसको सुंदर और पुरातन रूप में सजाने के लिए बिहार सरकार के कला एवं संस्कृति सचिव और पुरातत्व विभाग के अधिकारी ने आरा हाउस पहुंच उसका जायजा लिया. इस मौके पर भोजपुर जिलाधिकारी संजीव कुमार और भवन निर्माण विभाग के जे ई भी मौजूद थे. उन्होंने आरा हाउस में मौजूदा रूप में स्थित भवन की स्थिति, और सुरंग का भ्रमण भी किया.




पटना नाउ‘ से बातचीत करते हुए विभाग के सचिव ने बताया कि आरा हाउस एक ऐतिहासिक धरोहर है और इसे पुरानी रौंनक में लाने की कोशिश की जा रही है. सुरंग की भी सही स्थिति देखी जाएगी और इसे बनाया जाएगा. इस दौरान पुरात्तत्व विभाग के अधिकारी ने उस जमाने के कुँए को भी खोजना चालु किया जो कामन रूम के सामने स्थित है और अब वहां से पानी की सप्लाई की जाती है.कुंए के ऊपर एक मोटर रूम बना दिया गया है. उन्होंने बताया

सँस्कृति विभाग के सचिव ने जे ई को निर्देश दिया कि भवन निर्माण के दौरान मिलने वाले हर वस्तु को एकत्रित कर रखा जाए. उन्होंने गुफा की खुदाई की भी बात कही. पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कुंवर सिंह के गुफा को लोगों के समक्ष प्रस्तुत करने की सरकार की योजना है. शुरुआती दौर में कुछ ही दूरी तक सुरंग की खुदाई की योजना है जिसे बाद में बढ़ाने पर विचार किया जाएगा. आरा हाउस का मुआयना करने के बाद लगभग घण्टे भर चले बातचीत के दौर में महाराजा कॉलेज के प्राचार्य डॉ नरेंद्र कुमार भी शामिल हुए. आरा हाउस के साथ कॉलेज परिसर को भी सुसज्जित करने के लिए जिलाधिकारी ने निर्देश दिया.

23 अप्रैल को वीर कुंवर सिंह का विजयोत्सव हर वर्ष मनाया जाता है. इस बार 3 दिवसीय राजकीय सम्मान के साथ इसे मनाने के लिए मुख्यमंत्री ने दावां यात्रा के दौरान एलान किया था. आरा हाउस के काया पलटने की तैयारी इसी 3 दिवसीय आयोजन के लिए की जा रही है. सचिव ने स्पष्ट शब्दों में इसे विजयोत्सव से पूर्व बनाने का निर्देश दिया है.

बताते चलें कि इसके पूर्व भी कई बार आरा हाउस के रख-रखाव का काम हुआ है. आरा हाउस के 3 तरफ से बाउंड्री वाल भी बने थे. जिसे जर्जर हालत में होने की वजह से तोड़ कर उसे पुनः बनाने का आदेश हुआ था. बाउंड्री तो टूट गया लेकिन अभीतक वो बन नही पाया है. जिलाधिकारी ने जब बाउंड्री नही बनने का कारण पूछा तो जे ई ने कहा-” साहब बालू नही मिलने की वजह से अभीतक काम नही हुआ है. जिलाधिकारी ने कहा बाहर से मँगाओ. आरा हाउस में लाईट की व्यवस्था की जाएगी जिससे रात में भी इसकी भव्यता देखी जा सके.

23-25 अप्रैल तक मानने वाले तीन दिवसीय आयोजन से पूर्व इसकी काया को क्या इसके पुराने स्वरूप में लाया जाएगा? मेन्टेनेन्स के अभाव का दंश झेलने वाले आरा हाउस की मरम्मत के बाद उसके पुराने स्वरूप में बदलाव हो गया. अब देखना यह होगा कि इस बा8र दीवार के मैटेरियल से लेकर उस काल मे उपयोग होने वाले दरवाजे और खिड़कियों तक की रूप रेखा कैसे सम्मिलित किया जाता है.

आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

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