सुपुर्द-ए-खाक हुए देश के लिए बलिदान देने वाले शहीद मोजाहिद खान

By om prakash pandey Feb 15, 2018

शहीद के जनाजे में उमड़ा जन-सैलाब, पड़ोसी और ग्रामवासियों ने लगाए पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे

शहीद का शव देख आंखों से छलके आँसू, तो क्रोध में पाकिस्तान के खिलाफ नारों से गूंजा पीरो




पीरो, 15 फरवरी. देश के लिए सरहद पर अपनी जान देने वाले पीरो निवासी शहीद मो. मोजाहिद खान का पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह 8 बजे उनके घर पहुँचा. तिरंगे में लिपटे शहीद के शव के आते ही लोगों का हुजूम उनके अंतिम दर्शन के लिए उमड़ उठा. शहीद मो. मोजाहिद खान CRPF की 49वी बटालियन के जवान थे जो जम्मू-कश्मीर में पोस्टेड थे. सोमवार को आतंकी हमले में दुश्मनों से लोहा लेते हुए जवान ने अपनी शहादत दे सुजवा आर्मी कैम्प की रक्षा कर देश के साथ बिहार और भोजपुर का नाम गौरान्वित किया है.

सोमवार की सुबह श्रीनगर के करन नगर में CRPF के कैम्प पर हमला करने की फिराक में वहाँ पहुचे आतंकियों से लोहा लेते हुए CRPF की 49वी बटालियन के जवान मो. मोजाहिद खान ने अपनी शहादत दे दी. आंतंकियो ने जब हमला किया तो संतरी ने उन्हे रोकने की कोशिश की, लेकिन आतंकियों ने तबतक फायरिंग शुरु कर दी. इतने में मुजाहीद ने भी मोर्चा संभाल लिया. जवानो की तत्परता और मोर्चाबंदी देख आतंकी एक घर का सहारा लेकर गोली बारी करने लगे. इस दौरान आतंकियों की गोली मोर्चा संभाल रहे मो. मुजाहिद खान को लग गयी. जख्मी जवान को  अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन कुछ ही देर बाद वह वतन को अलविदा कह इस दुनिया से  चल बसा. मूल रुप से पीरो गांव निवासी राजमिस्त्री रहे अब्दुल खैर खां के पुत्र मुजाहीद मोकामा में सितम्बर 2011 में CRPF के 49वीं बटालियन में भर्ती हुए थे. केरल के पलीपुरम में उनकी ट्रेनिंग हुई जिसके बाद हैदराबाद में पोस्टिंग के बाद छ: माह पहले उनकी बटालियन श्रीनगर रवाना हुई थी. 25 वर्षीय मुजाहीद बचपन से ही देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत थे.

शहीद जवान की मौत की खबर ने जहाँ पूरे घर को मातम में डाल दिया है वही पूरे इलाका उनके शहीद होने पर मर्माहत में है. इस घटना को सुन पुरे गाँव के लोग शहीद के घर पर आ गए और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए. पांच भाई और दो बहन का दायित्व उठाने वाले मुजाहिद कि शहीद होने की खबर ने चारों भाइयो के आंखों में अंगारे देखने को मिला. भाई अजमेर ने पाकिस्तान मुर्दाबाद कहते हुये कहा कि हमारे हिंदुस्तान का एक-एक बच्चा अपने देश के लिए है. देश मे आतंक पर  सिर्फ राजनीति हो रहा है. अगर हमारे देश के जवानों को छूट दे दिया जाय तो पाकिस्तान को उसकी औकात का पता चल जाएगा. वही दोनो बहनो की भले ही आंखे आंसुओ से गीली दिखीं पर भाई के बलिदान पर उन्हें फक्र है.

भाई दिनेश पहुचे शहीद जवान मो० मोजाहिद खाँ के घर पीरो
भाई दिनेश ने जम्मू-काश्मीर में आखरी सांस तक लड़ते-लड़ते शहीद हुए मो० मोजाहिद खाँ के घर पहुच कर परिवार को सांत्वना दिया.  शहीद के बड़े भाई भी आज ही दुबई से सुबह 8 बजे पहुचे. उन्होंने अपने भाई के शहादत पर गर्वान्वित होने की बात कही. पीरो स्थित शहीद के  मुहल्ले में भी लोगो ने कहा कि हमारे मुहल्ले के लाल ने लड़ते-लड़ते देश के लिए अपनी जान की आहुति दे दी. गांववासियों ने कहा कि यह हमारे लिए गर्वान्वित क्षण  है. पीरो बाजार में कई जगह गेट भी लगा दिया गया हैं, जिस पर लिखा है अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों. मंगलवार को सुबह 8 बजे शहीद का पार्थिव शरीर पीरो पहुचा. शव को बस पड़ाव मैदान में रखा गया,जहाँ सभी ने अपने वीर जवान को श्रद्धांजलि दी. दोपहर 2 बजे से मिट्टी मंजिल की रश्म अदा की गई. मिट्टी मंजिल की रश्म अदायगी से पहले CRPF 47वीं बटालियन के प्रतिनिधि जयप्रकाश की देखरेख में अंतिम सैनिक सम्मान और सलामी पड़ाव मैदान में दी गयी. सुपुर्द-ए-खाक से पहले जनाजा की अंतिम नमाज अता की गयी.

पीरो से ओ पी पांडेय के साथ मुरली मनोहर जोशी की रिपोर्ट

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