कॉलेज ऑफ कॉमर्स में बजट पर ब्याख्यान का आयोजन
पटना 13 फरवरी. कालेज ऑफ कॉमर्स आर्ट्स एण्ड साइंस पटना में सोमवार को “इनसाइट बजटरी प्रीप्रेशन : सम रिफ्लेकशन” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया. जिसमें भारतीय आर्थिक सेवा विभाग के निदेशक सुधीर श्याम ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने संबोधन में कहा कि बजट एक महत्वपूर्ण नीति दस्तावेज है जिसे संविधान की धारा 112 के तहत संसद में देश का एक वर्ष का लेखा जोखा पेश किया जाता है. उन्होंने कहा कि यह एक अत्यंत गोपनीय दस्तावेज होता है जिसकी तैयारी कड़ी निगरानी में अगस्त माह से ही शुरू हो जाती है. वार्षिक बजट मुख्य रूप से आर्थिक सर्वेक्षण और टैक्सेशन पर आधारित दस्तावेज है.
उन्होंने कहा कि बजट प्रस्ताव पर बहस के दौरान सांसदों को विभिन्न प्रकार की कटौती प्रस्ताव लाने का आधिकार होता है और वह सरकार से बजट के आकार को छोटा करने की मांग भी कर सकते हैं. लेकिन बहुमत वाली सरकार बजट प्रस्तावों और आकार को पारित कराने में सफल रहती हैं.
अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रधानाचार्य प्रोफेसर डॉ तपन कुमार शांडिल्य ने बजट के तकनीकी पक्ष पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्यों में एक ही पार्टी की सरकार होने पर ही राज्यों का समूचित विकास संभव है और इसी उद्देश्य से नीति आयोग का गठन किया गया है ताकि बजट बनाते समय राज्यों के हितों का विशेष ध्यान रखा जा सके. व्याख्यान में डॉ संजय पाण्डे, प्रो शिव कुमार यादव, डॉ विनोद कुमार मंगलम, डॉ आर यू सिंह और डॉ अनिल कुमार ने बजट से संबंधित विभिन्न विषयों ज़ीरो बजट, घाटा बजट, शिक्षा लोन और जी एस टी से संबंधित प्रश्न उठाए. इस अवसर पर अन्य लोगों के आलावा प्रो उमेश प्रसाद , प्रो. रश्मि आखिरी, डॉ. के एन यादव, प्रो. लक्ष्मी सिंह, और प्रो. अरविंद आदित्य राज समेत बड़ी संख्या में शिक्षक और छात्र-छात्रायें उपस्थित थे. धन्यवाद ज्ञापन प्रो मृदुला कुमारी ने किया जबकि मंच संचालन प्रो सलोनी कुमार ने किया.
पटना नाउ ब्यूरो की रिपोर्ट