लोहिया जी के विचारों और वक्तव्यों का संकलन कर उनके जीवन पर फिल्म का निर्माण किया जाना चाहिए – मुख्यमंत्री
पटना / ग्वालियर। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को ग्वालियर के दौरे पर थे. वहां उन्होंने कई कार्यक्रमों में शिरकत किया. आई0टी0एम0 यूनिवर्सिटी ग्वालियर में आयोजित डाॅ0 राम मनोहर लोहिया की स्मृति में चतुर्थ व्याख्यान में वे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ शामिल हुये.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में गांधीजी के चंपारण सत्याग्रह के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में शताब्दी समारोह का आयोजन किया जा रहा है. नीतीश ने कहा कि आजादी के बाद डाॅ0 राम मनोहर लोहिया ने विपक्ष को गोलबंद किया था. गोवा को भी पुर्तगाल से आजाद कराने में उन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई थी. कांग्रेस पार्टी से अलग होने के बाद उन्होंने विपक्ष को गोलबंद करने की कोशिश की क्योंकि उस समय केरल को छोड़कर पूरे देश में सिर्फ एक ही पार्टी का केंद्र में शासन था.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके लोकसभा में जाने तक कभी अविश्वास प्रस्ताव नहीं आया लेकिन उनके आने पर संसद में पहली बार केंद्र सरकार के प्रति विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव पारित हुआ. वे सप्तक्रांति के समर्थक थे. उन्होंने रंग भेद, जातिभेद, ऊँच-नीच आदि हर तरह के भेदों के खिलाफ आंदोलन की शुरूआत की थी. जब 7 जून 1974 को लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने आंदोलन का नेतृत्व किया तो उन्होंने सम्पूर्ण क्रांति की बात कही थी. उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण क्रांति वही है जो लोहिया जी की सप्तक्रांति है. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोहिया जी के विचारों और वक्तव्यों का संकलन कर उनके जीवन पर फिल्म का निर्माण किया जाना चाहिए ताकि युवा उनसे प्रेरणा ले सके.
इस अवसर पर मध्यप्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, हरियाणा के राज्यपाल प्रो0 कप्तान सिंह सोलंकी, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिह तोमर, मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया, सांसद डी0पी0 त्रिपाठी, सांसद श्रीमती माया सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.
(ब्यूरो रिपोर्ट)