हजारीबाग । हिन्दू हाई स्कूल के मैट्रिक 1982 बैच का मिलन समारोह पहली बार हजारीबाग में 3 और 4 फरवरी, 2018 को मनाया गया. इसमें झारखण्ड में रहने वाले स्कूल के पूर्व छात्रों के अलावे बिहार, पश्चिंम बंगाल आदि में रहने वाले छात्र भी सम्मिलित हुए तथा एक-दुसरे से मिलें. कई तो 35-36 सालों बाद मिले. पहचानने में भले मुश्किल हुई परन्तु स्कूल के पलों को याद करके सभी भाव-विह्वल हो उठे.
3 फरवरी को सभी छात्र स्कूल जाकर स्कूल के प्रधानाध्यापक श्री (डा0) ज्वाला प्रसाद सिंह को सम्मिलित रूप से एक मोमेंटो व बुके दिया. इस अवसर पर स्कूल के सभी शिक्षक भी उपस्थित रहे. उनके साथ मिलकर सबों ने मिठाइयाँ खायीं. स्कूल के 1982 बैच के छात्रों ने वादा किया कि वे अपने स्कूल के उत्थान के लिए हर संभव सहायता करेंगे.
4 फरवरी को स्कूल के अवकाश-प्राप्त चार प्राध्यापकों को हजारीबाग के कैनेरी हिल स्थित फारेस्ट विभाग के गेस्ट हाउस में शाल व गुलदस्ता देकर सम्मानित किया गया. ये चार प्राध्यापक थे – श्री कृष्ण मुरारी प्रसाद, श्री विजय नारायण झा, श्री कौशल किशोर और श्री शम्भू प्रसाद. इसके अलावे दो और पूर्व शिक्षकों, श्री तेज नारायण प्रसाद और श्री सुरेन्द्र प्रसाद को भी उनके घर जाकर सम्मानित किया गया क्योकिं ये दोनों अस्वस्थता के कारण समारोह में सम्मिलित न हो पाए थे.
शिक्षक व पूर्व छात्र एक-दुसरे से मिल कर काफी भावुक हो गए. पटना से आये निखिल के डी वर्मा, द्विजेन्द्र कुमार सिंह एवं राजेश कुमार ने कहा कि वे हजारीबाग आकर अपने पुराने स्कूली दोस्तों से मिल कर काफी खुश हैं. उनके अनुसार इतने सालों बाद लगा है कि उनका बचपन फिर से लौट आया है. साहेबगंज से आये संजय कुमार, जो एक बिजनेसमैन हैं, की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था. आशुतोष कुमार (गिरिडीह), राजेश पांडेय (कोलकाता), प्रभात कुमार (धनबाद), राधा मोहन प्रसाद, मनोज कुमार सिन्हा, देव प्रकाश, राजकुमार राजू, भैया मुकेश कुमार, नन्द कुमार नंदू, डॉक्टर कौशल वर्मा, नारायण साव, सतीश राव, ललन कुमार, बीनू कुमार, रवि कुमार, श्री प्रकाश झा, रवि गुप्ता, प्रदीप अग्रवाल, प्रदीप खेतान, देवेन्द्र कुमार, संजय कुमार ‘टिंकू’ आदि (सभी हजारीबाग) भी एक-दूसरे से मिल कर आनंदित और रोमांचित महसूस कर रहे थे.
बचपन एवं स्कूल की पुरानी बातों को याद करके सबों की हंसी रुक नहीं रही थी. सब पुरानी बातों को ताज़ा कर रहे थे. किसी को स्कूल में हुई आपसी लड़ाई याद थी तो किसी को शिक्षक की पिटाई. कोई स्कूल के बहाने सिनेमा देखने को याद कर रहा था तो किसी को अपनी पढाई की बातें याद आ गई. कुल मिलाकर सबों ने खूब मजे किये.
यह हिन्दू हाई स्कूल के लिए पहला मौका था जब पूर्ववर्ती छात्रों ने इस तरह का मिलन समारोह आयोजित किया. जिसने भी सुना, इसको सराहा. उनके अनुसार, इस तरह का आयोजन किसी सरकारी स्कूल के पूर्व छात्रों द्वारा किया गया अपनी तरह का पहला समारोह था.
(ब्यूरो रिपोर्ट)