क्या ‘सैटेलाइट बाबा’ का सम्पन्न हुआ ‘वेतनमेघ यज्ञ” ?
“वेतन महाराज” नाटक के जरिये सिस्टम पर जोरदार प्रहार
आरा,5 फरवरी. आरा रंगमंच के कलाकारों ने शिक्षकों के अनियमित वेतन भुगतान की व्यथा को व्यंग्यात्मक
नुक्कड़ नाटक ‘वेतन महाराज’ के जरिए सिस्टम पर प्रहार किया. कार्यक्रम की शुरूआत सामाजिक कार्यकर्ता अशोक तिवारी के संबोधन से हुई. हास्य-व्यंग्य से परिपूर्ण “वेतन महाराज” में 6 महीने से वेतन भूगतान न होने के कारण शिक्षकों को एक पंडितजी (सेटेलाइट बाबा) वेतन भूगतान के लिए ‘वेतनमेघ यज्ञ’ करने की सलाह देते है. लेकिन पैसों के अभाव के कारण यज्ञ नही हो पाता.
इधर 6 महीने के बाद सरकार द्वारा सिर्फ 1 महीने का वेतन निर्गत करने से शिक्षक इस बात से परेशान हो जाता वह मकान मालिक, दूधवाला, किराना दुकान, और अखबार वाले अपने बकायादारों का कर्ज कैसे चुकता होगा. 6 महीने से अपने बकाए पैसे की बात में टकटकी लगाए बकायादारों को जैसे ही पता चलता हिया कि शिक्षक को एक महीने का वेतन मिल गया है तो वे सभी शिक्षक के घर पहुंचकर उसका पुरा का पुरा एक महीने का वेतन शिक्षक से लेते है व साथ ही शिक्षक को कोसते भी है.
हंसाते हंसाते ‘वेतन महाराज’ अंत में दर्शकों को शिक्षको की पीड़ा का एहसास करा जाता है. नाटक के जरिये दर्शकों को शिक्षकों की परेशानियो को महसूस कराने में मुख्य भूमिका सुधीर शर्मा, डॉ पंकज भट्ट, लड्डू भोपाली, निशिकांत सोनी, साहेब अमन, डॉ अनिल सिंह, बम ओझा, मुकेश मुस्कान, संतोष सिंह, सलमान महबूब की रही. गीत-संगीत डॉ पंकज भट्ट व अंजनी का रहा. कार्यक्रम का संचालन अनिल तिवारी ‘दीपू’ ने किया. वही इस नाट्य की व्यवस्था में मनोज श्रीवास्तव की अहम भूमिका रही.
आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट