DGP ने गाया जब बच्चों के साथ गान
शिक्षा पद के लिए नही ज्ञान के लिए हो- VC
वर्चुअल दुनिया से बाहर निकालता है सांस्कृतिक आयोजन
आरा 4 फरवरी. आरा के मझौवाँ के शुभ नारायण नगर स्थित शांति स्मृति सम्भावना उच्च विद्यालय में आज वार्षिकोत्सव संपन्न संपन्न हुआ. वार्षिकोत्सव समारोह में विद्यालय के लगभग लगभग 200 छात्र छात्राएं गायन नृत्य वादन और नाटक के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन किया. समारोह का उद्घाटन, मुख्य उद्घाटनकर्ता के रूप में बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे, मुख्य-अतिथि, VKSU के कुलपति डॉ सैय्यद मुमताजूद्दीन, विशिष्ट-अतिथि, 5 बिहार बटालियन NCC के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विनोद जोशी, मगध विश्वविद्यालय के पूर्व रसायन-शास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर यू एस पांडेय, बिहार राज्य नागरिक परिषद के पूर्व महासचिव भाई ब्रह्मेश्वर के साथ विद्यालय के निदेशक और विद्यालय की प्राचार्या अर्चना सिंह ने सयुंक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया.
वर्चुअल दुनिया से बाहर निकालता है सांस्कृतिक आयोजन
विद्यालय की प्राचार्या ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि शिक्षा एक संस्कारजन्य कार्य है और शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को संस्कार देना भी आवश्यक है. संस्कार को बनाने में खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों का खास योगदान होता है. विद्यालय इस कार्य के लिए हमेशा तत्पर है और इसी उद्देश्य से विद्यालय में समय-समय पर सांस्कृतिक, सामाजिक कार्यक्रम और खेल का आयोजन होता है. बच्चों को मोबाईल और इंटरनेट की दुनिया से बाहर निकालने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम और खेल ही एकमात्र माध्यम हैं जो संस्कृति से पहचान करा बच्चों में संस्कार के पुष्प भरते हैं. ये संस्कार ही बच्चों को अनुशासन प्रिय बनाते हैं.
वार्षिकोत्सव 2018 के उद्घाटनकर्ता पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे ने उपस्थित छात्र-छात्राओं और अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि भविष्य का निर्माण बच्चों के चरित्र-निर्माण से होता है और चरित्र-निर्माण से लेकर बच्चों के चौमुखी विकास में यह विद्यालय अहम भूमिका निभा रहा है. उन्होंने इस मौके पर अभिभावकों से कहा कि बच्चों को बच्चा ही रहने दिया जाए, उसे बुढा न बनाये.
छात्राओं को संबोधित करते हुए नारी शक्ति पर चर्चा करते हुए कहा कि यह वह देश है जहां देश के लिए कुर्बान होने वाले बेटों के लिए कल मां रोती नहीं बल्कि उनके शहादत पर गर्व महसूस करती है. उन्होंने बच्चों से ‘देश के लिए कौन मरेगा, हम मरेंगे.. हम मरेंगे..’ के नारे लगवाएं. उन्होंने बच्चों को समय प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा. छात्रों को समय की बर्बादी करने के बजाय ध्येयी बनने,लक्ष्य निर्धारित करने और उस लक्ष्य को पाने के लिए जी-जान लगाने के सुझाव दिए. गुप्तेश्वर पांडेय ने छात्रों में ऊर्जा की ओज भरने के बाद अपने स्वरचित गीत “उनको नमन हमारा..” को बच्चों के साथ स्वयं भी मंच से प्रस्तुत किया.
शिक्षा पद के लिए नही ज्ञान के लिए हो
मुख्य अतिथि डॉ सैय्यद मुमताजुद्दीन ने कहा कि शिक्षा का अर्जन पद पाने के लिए नहीं ज्ञान अर्जन के लिए हो. पद हासिल करना बड़ी बात नहीं लेकिन हमें यह समझना होगा कि हमने समाज और देश को क्या दिया है? विद्यालय के सांस्कृतिक कार्यों की की की उन्होंने भूरी भूरी प्रशंसा की प्रशंसा की भूरी प्रशंसा की प्रशंसा की.
वही विशिष्ट अतिथि के रुप में कर्नल विनोद जोशी ने कहा कि पाठ्य सहगामी क्रियाओं का चरित्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान होता है. उन्होंने बच्चों को मुकाम हासिल करने के लिए जुनूनी बनने को कहा. साथ ही बच्चों को बड़े होने पर सेना में आकर देश सेवा करने के लिए कहा. इसके अतिरिक्त आये हुए अन्य अतिथियों ने भी अपनी बातें अभिभवकों शिक्षको और छात्रों के बीच रखा. इस मौके पर विद्यालय के बच्चो ने कई रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए.
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आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट